शंखनाद कर जोर से बोलो…बोलो वन्दे मातरम्

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** लहरायेगा अमर तिरंगा, लहर-लहर लहरायेगा,आंधी-तूफानों से लड़कर, नभ पर जा छा जायेगाबोलो वन्दे जोर से बोलो…बोलो वन्दे मातरम्,लाल किला की शोभा है ये भारत माँ…

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भरोसा

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** आशा, समर्थन, पक्ष और सहारा,विश्वास, आस्था व संग इसके धारणासब एक ही चमन के फूल हैं,समझने में कोई परेशानी हो तोफिर भी कभी नहीं करना यह भूल है। नैतिकता…

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अलंकृत साहित्यकारों का किया सम्मान

इंदौर (मप्र)। श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति एवं साहित्यिक संस्था हिन्दी परिवार इंदौर द्वारा अपने उन सदस्य-साहित्यकारों के लिए सम्मान उत्सव आयोजित किया गया, जिनको साहित्य अकादमी म.प्र. ने उनकी…

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सम्मान हेतु प्रविष्टियां ५ सितम्बर तक आमंत्रित

नई दिल्ली। सृजन के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रतिष्ठित अमर उजाला शब्द सम्मान- २०२३ के लिए प्रस्ताव आमंत्रण की घोषणा कर दी गई है। आकाशदीप, छाप, थाप और भाषा-बंधु सम्मानों के…

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रक्षा बंधन

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** कभी चिट्ठियाँ घर को आती,अक्षरों को आँसू से फैला जातीफैले अक्षरों की पहचान,ससुराल के निर्वहन को बतलाती। पिता की अनुपस्थिति में,भाई लाने का फर्ज निभातातो कभी ना…

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अनुवाद भी ऐसा हो, जो संस्कार पोषित करे-डॉ. विकास दवे

साहित्योत्सव... भोपाल (मप्र)। यह सच है कि भारत में बाल साहित्य सबसे उपेक्षित विधा रही है, जबकि विदेशों में तो बाल साहित्य के लिए विश्वविद्यालय तक उपलब्ध हैं। भारत ने…

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जिंदगी दोस्ती

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** जिंदगी दोस्ती,स्नेह का दूजा नामनिभाएं दोस्ती। सदा पवित्र,जाँ लुटा दे दोस्ती मेंहो ऐसा मित्र। दोस्ती में साथ,नहीं छोड़े दु:ख मेंथामे जो हाथ। कृष्ण-सुदामा,अनूठा रिश्ता दोस्तीहमने थामा। निश्छल…

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जिंदगी दोस्ती है

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** मौज है दोस्त है मस्ती है,आज भी जिंदगी दोस्ती है। बूंद बारिश ग़ज़ल चाय-कॉफी,इनपे बेख़ुदी की सरपरस्ती है। इक नदी की रवानी जवानी,जोश-ओ-होश की कश्ती है। ख़्वाब…

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सुन ऐ, काले घन…!

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** ऐ काले घन! इधर भी बरसना है,देख मेरा गाँव अभी भी प्यासा है। आजकल तू नासमझ-सा हो गया है,जहां जरुरी है, वहाँ नहीं बरसता है। खुशहाली करना क्यूं…

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२ पुस्तक विमोचित

इन्दौर (मप्र)। महात्मा गाँधी प्रतिमा चौराहा के पास प्रीतमलाल दुआ सभागार में कवि आशीष त्रिवेदी 'सरल' की पुस्तक 'कागज की कश्ती' और 'विजडम जेम्स' का लोकार्पण राष्ट्रकवि सत्यनारायण 'सत्तन' और…

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