प्रभात के पक्षी

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** सुबह-सुबह जब मैं उठता हूँ,छत पर मेरी दिनचर्या मेंखुशियाँ और सुकून को देने,कबूतरों का संसार एक संसार है मिलतासुखद स्थान पर अपने को पाकर,झुण्ड में सब हर बात समझता।…

Comments Off on प्रभात के पक्षी

विद्यार्थी जीवन

आशा आजाद`कृतिकोरबा (छत्तीसगढ़)**************************** परम शुभम विद्यार्थी जीवन, बच्चे सबको भाते हैं।निश्छल बचपन पावन मंदिर, ईश्वर वो कहलाते हैं॥ कच्ची मिट्टी-सा हिय सबका, जैसा मन चाहे ढालें,ज्ञान ध्यान संस्कार श्रेष्ठ से,…

Comments Off on विद्यार्थी जीवन

आज भी वो…

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** शाम हुई दिन की,उड़न बसेरा चुनमुन करती,कलरव में गौधूली कीशांति को गुंजायमान करती,हरी-भरी प्रकृति केपर्यावरण को,मधुरम वसुंधरा कोशोभित करती बैठ जाती,एक-एक कर डाली,अपनी सलिष्ठ शिष्टतानिभाती सुबह होने…

Comments Off on आज भी वो…

अकादमी के पुरस्कारों का अलंकरण समारोह २५ जुलाई को

लोकप्रिय मंच हिंदीभाषा डॉट कॉम होगा अभा स्तर पर पुरस्कृत भोपाल (मप्र)। साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश शासन (संस्कृति विभाग) की पुरस्कार योजना वर्ष २०१८, १९, २० एवं २१ के अखिल भारतीय…

Comments Off on अकादमी के पुरस्कारों का अलंकरण समारोह २५ जुलाई को

पिता, पिता होता है…

डॉ.अनुज प्रभातअररिया ( बिहार )**************************** जीना जैसे पिता... पिता, पिता होता है,'माँ' नहींउसके हिस्से मेंकेवल पालन-पोषण होता है,इसलिएवह पत्थर होता है। पत्थर पर,किसी खरोंच केनिशान नहीं उगते,बूंद-बूंद टपक करकोई गड्ढा…

Comments Off on पिता, पिता होता है…

आँसू

डाॅ. अरविंद श्रीवास्तव ‘असीम’दतिया (मध्यप्रदेश)************************************************* टपक-टपक कर आँसू कहते,किसको अपनी व्यथा सुनाऊँ।बीत गए युग सहते-सहते,कैसे अपनी बात बताऊँ। कभी-कभी पिछली यादों में,मन जब भी खो जाता है।प्रेम भरे झूठे वादों…

Comments Off on आँसू

शब्द हकीकत में भाव रस, समझे बिना लेखन संभव नहीं

इंदौर (मप्र)। शब्द हकीकत में औरत है इसे समझे बिना लेखन कर पाना संभव नहीं है। लेखन करने के लिए बहुत ज्यादा पढ़ने की जरूरत नहीं है, लेकिन परिदृश्य का…

Comments Off on शब्द हकीकत में भाव रस, समझे बिना लेखन संभव नहीं

बाबा नागार्जुन की रचनाओं में कल्पना और वास्तविकता का अद्भुत संगम

इंदौर (मप्र)। उनकी रचनाओं में कल्पना और वास्तविकता का अद्भुत संगम है। उन्होंने संस्कृत में भी रचनाएं लिखीं।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. अग्निशेखर ने यह बात श्री मध्यभारत हिन्दी…

Comments Off on बाबा नागार्जुन की रचनाओं में कल्पना और वास्तविकता का अद्भुत संगम

राकांपा की फूट से विपक्षी एकता को झटका

ललित गर्गदिल्ली************************************** वर्ष २०२४ के चुनाव से पूर्व भारतीय राजनीति के अनेक गुणा-भाग और जोड़-तोड़ भरे दृश्य उभरेंगे, महाराष्ट्र में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए तो ऐसा ही लगता…

Comments Off on राकांपा की फूट से विपक्षी एकता को झटका

मेरे वतन की माटी

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** मेरे वतन की माटी की खुशबू, सुबह-शाम जिसे जब आती है,मन हो उठता है बाग-बाग सा, रूह होती तब मदमाती है। यह भक्ति-मुक्ति की पावन धरा…

Comments Off on मेरे वतन की माटी