ढूंढ लिया आशियाना
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** कह दो जमाने से,अब हमने तकलीफों सेदोस्ती कर ली है,कोई फरेबी हितैषी बनकरहमारी फिक्र में अपना,वक़्त जाया न करे। लोग तमाशा देखते हैं,हमारी मजबूरियों कादेखते रहें कोई…