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बालकृष्ण भट्ट निबंधों के श्रेष्ठ शिल्पकार

गोष्ठी….

इंदौर (मप्र)।

बालकृष्ण भट्ट निबंधों के श्रेष्ठ शिल्पकार हैं। अपने समय को जीने के लिए साहित्यकार को चाहिए कि वह बालकृष्ण भट्ट को अवश्य पढ़ें।
चैन्नई से आए वरिष्ठ साहित्यकार बी.एल. आच्छा ने यह बात कही। मौका रहा कालजयी साहित्यकार स्मरण श्रृंखला में श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति इंदौर द्वारा हिन्दी गद्य के पुरोधा पंडित बालकृष्ण भट्ट को याद करते हुए उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर आयोजित गोष्ठी का। इसमें व्ही.डी. ज्ञानी ने कहा कि साहित्यकार को अपनी मौलिकता के साथ नैतिक सिद्धांतों का भी पालन करना चाहिए, जो बालकृष्ण भट्ट के साहित्य में मिलता है। डॉ. अखिलेश राव ने कहा कि, उनके निबंधों में भावात्मकता अधिक है। मुकेश तिवारी ने कहा कि उन्होंने अपनी भाषा का स्वाभिमान और देशभक्ति को सर्वोपरि बनाया। मणिमाला शर्मा, डॉ. सुधा चौहान, उदित तिवारी, डॉ. कान्ता शर्मा आदि ने भी उनके व्यक्तित्व पर अपने विचार व्यक्त किए।
आरंभ में बालकृष्ण भट्ट के चित्र का लोकार्पण अतिथियों ने किया। कार्यक्रम में अरविंद ओझा, डॉ. पुष्पेन्द्र दुबे, हरेराम वाजपेयी, डॉ. रामकिशन सोमानी, डॉ. दीप्ति गुप्ता आदि अनेक साहित्यकार एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की भूमिका साहित्य और संस्कृति मंत्री डॉ. पद्मा सिंह ने प्रस्तुत की। आभार प्रधानमंत्री अरविंद जवलेकर ने व्यक्त किया।

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