ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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कह दो जमाने से,
अब हमने तकलीफों से
दोस्ती कर ली है,
कोई फरेबी हितैषी बनकर
हमारी फिक्र में अपना,
वक़्त जाया न करे।
लोग तमाशा देखते हैं,
हमारी मजबूरियों का
देखते रहें कोई गिला नहीं,
बड़ी मशक्कत के बाद
हमने मजबूरियों को,
अपने वश में कर लिया है।
कर लिया है दृढ़ निश्चय,
झुकूंगा नहीं बुराई के आगे
मेहनत करके खाऊंगा,
निश्चित आगे बढ़ जाऊंगा
इसमें कोई संदेह नहीं,
आत्मविश्वास बढ़ा लिया है।
कह दो उड़ते परिंदों से,
चोंच न मारें सिर पर
काबू रखें अपने गुरुर पर,
छोड़ दिया है तन्हा रहना।
सिर छिपाने को अब हमने,
आशियाना ढूंढ लिया है॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।