माँ जीवन विकल्प

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** माँ बिन.... हवाओं बिन श्वांस ले सकते नहीं,माँ बिन नहीं नवजीवन जन्मतासत्य के बिना, शिव मिलते नहीं,माँ बिन मिले नहीं शरीर सुंदरता। सूरज के…

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अघोरी पंथ, शक्तिपीठ और महाकुंभ का बहुत ही जानकारी युक्त वर्णन

चर्चा.... दिल्ली। संतोष जी की भाषा कहीं-कहीं बहुत प्रांजल और बड़ी ईमानदार नज़र आती है। न केवल नागा साधु बल्कि, अघोरी पंथ, शक्तिपीठ और महाकुंभ का बहुत ही जानकारी युक्त…

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विडम्बना

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** कैसी विडम्बना है,जब आदमी का बुरा वक्त आता हैतो अपने भी साथ छोड़ जाते हैं,और अच्छे वक्त में दूर के रिश्ते भीसाथ निभाने चले आते हैं।लेकिन शायद…

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धवल चाँदनी

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** पहला-पहला प्यार मेरा,मैं कैसे भला बिसराऊँधवल चाँदनी बिखरी हुई है,मन को कैसे धीर बंधाऊँ ? कहीं तान उठी विरहा की,हृदय में उठी चिंगारीकहीं सिमटी पिया संग गोरी,बाँहों…

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सफलता की कुंजी

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** मेहनत और लगन संग,ईमानदारी में हीसती-संवरती रहती है,दिल में उमंग। सफलता के खुशनुमा साथ से,मिलता है खुशियाँ अपारसफ़ल होकर झूमते दिखते हैं,इसे स्वीकार कर लेते हैंमानकर ईश्वरीय उपहार। सफलता…

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अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** यह कितनी विडम्बना है कि, आज हर क्षेत्र में घपलेबाजी हो रही है। नेता और अधिकारी मिलकर देश लूट रहे हैं। छोटे सरकारी कर्मचारी काम न…

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मेरी सुनो पुकार

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ शिव दोहावली... आना भोलेनाथ प्रभु, सुनकर करुण पुकार।इस जग के सन्ताप से, देना हमें उबार॥ विनती बारम्बार है, मेरी सुनो पुकार।दुनिया को मैं छोड़कर, आया…

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सहिष्णुता

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* सहिष्णुता है मानव की है एक अद्भुत प्रकृति,विषम काल में ये हो जाए मानो हृदय शक्तिहर समय इसकी सीमा तय करना आवश्यक,सीमा क्या है समझिए…

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पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रतिस्पर्धा के लिए रचनाएं आमंत्रित

इंदौर (मप्र)। पर्यावरण संरक्षण, अनुसंधान एवं विकास केंद्र द्वारा 'विश्व पर्यावरण दिवस' के उपलक्ष्य में पर्यावरण संरक्षण साहित्य उत्सव आयोजित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत साहित्यिक विधाओं में ४…

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नजरअंदाज न करें ‘लू’ को

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** वर्तमान में बहुतायत में आर्थिक सम्पन्नता के कारण ए.सी., कूलर और पंखे का होना आम बात है। इनका उपयोग यदि समझदारी से न किया जाए तो, गर्मी में…

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