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सफलता की कुंजी

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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मेहनत और लगन संग,
ईमानदारी में ही
सती-संवरती रहती है,
दिल में उमंग।

सफलता के खुशनुमा साथ से,
मिलता है खुशियाँ अपार
सफ़ल होकर झूमते दिखते हैं,
इसे स्वीकार कर लेते हैं
मानकर ईश्वरीय उपहार।

सफलता और समृद्धि पाने के लिए,
समर्पण और ज्ञान अर्जित करना जरूरी है
सफलता की कुंजी में यही तत्व,
बन जाते एक सटीक मजबूरी है।

लगन और मेहनत यहाँ बड़ी चुनौती है,
सफ़ल होने के लिए हर क्षण यहाँ
पवित्र और निर्मल मन की,
बनानी होगी हमें सात्विक प्रवृत्ति यहाँ
सफलतापूर्वक आगे बढ़ने में,
मेहनत व लगन सफलता की बन सकेगी,
सबसे धारदार कुंजी यहाँ।

सच्चाई और नेक मन से ही विश्वास,
बन पाता महत्वपूर्ण पूंजी है
सफलता व उपलब्धि हासिल करने के लिए,
मस्तिष्क से लगातार अभ्यास जरूरी है
इसके बिना जीवन की सफलता की चाहत,
सदैव रह जाती अधूरी है।

धुन का पक्का होना,
एक उन्नत प्रयास
बनकर प्रगति व विकास यात्रा को,
हमेशा आगे बढ़ाता है
लक्ष्य निर्धारण के मार्ग प्रशस्त करने में,
सही-सही रास्ता बताता है।

यहीं से उन्नति और प्रगति का,
मार्ग होता है सदैव प्रशस्त
सफलता और बुलंदी पर पहुंचने के लिए,
सब लोग हो जाते हैं आश्वस्त।

सफलता और समृद्धि को,
मेहनत की राह ही सही दर्शन है।
मेहनतकश लोगों को ही इस राह में,
दिखता सदैव सफलता का आकर्षण है॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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