काव्य लेखन स्पर्धा में मिला प्रथम पुरस्कार

शाहजहाँपुर (उप्र)। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा हिमांशु मोहन को पुरस्कृत किया गया है। विवि के दीक्षोत्सव-२०२२ में काव्य लेखन स्पर्धा में इन्होंने अपने महाविद्यालय का प्रतिनिधित्व करते हुए…

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मन बेचैन

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** जय श्री कृष्ण (भाग-२)... तुमसे मिलने को सदा, मन रहता बेचैन।आओ प्यारे साँवरे, राह तके निज नैन॥ हृदय कुंज में पग धरो, पावन हो यह…

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इंसान बस रहे इंसान ही

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* दुनिया को आज उसका ज़रा भी पता नहीं।जो दूसरे की सिम्त कभी देखता नहीं। मिलता नहीं है चैन किसी भी जगह उसे,जिसको ख़ुदा की…

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शिकायत क्यों ?

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ********************************************************** गुजरते वक्त से हमको भला कोई शिकायत क्यों,गुजरना काम है उसका करें उसकी खिलाफत क्यों ? निभाई दुश्मनी ता-उम्र हमसे दोस्ती करके,कभी मैं सोचता हूँ आज…

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अटल न जीवन रहा कभी भी

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** 'अटल' जिंदगी... अटल न जीवन रहा कभी भी,न अजर है रहने वालाये जीवन है मय जन्म-मरण की,यह जग है मधुशाला। निकल गया जो पल इस जीवन…

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परिचर्चा एवं काव्य संगोष्ठी १ जनवरी को

मुम्बई (महाराष्ट्र)। हिन्दी साहित्य भारती (अंतरराष्ट्रीय) की मुंबई प्रदेश कार्यसमिति द्वारा मुंबई में परिचर्चा एवं काव्य संगोष्ठी रविवार १ जनवरी २०२३ को आयोजित की जाएगी। अपरान्ह २ बजे यह आयोजन…

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बलराम यादव को हिंदी काव्य सम्मान भेंट

हैदराबाद (तेलंगाना)। प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा ने सम्मान की श्रृंखला में सलाहकार जी. विजय कुमार की सलाह पर हिंदी काव्य सम्मान बलराम यादव को दिया है। सभा के संस्थापक कवि…

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तुम्हारी याद

स्वराक्षी 'स्वरा'खगड़िया (बिहार) ************************* सनम दिल जान से मैं तो, तुम्हें ही प्यार करती हूँ।बहुत ही कीमती है तू, तुम्हें खोने से डरती हूँ॥… मुझे दिन रात ही अब तो,…

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कैसे सहूॅं माँ गम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************** कैसे सहूॅं माँ गम परलोक गमन बिन छांव तले,आज हुआ अकेला खो माँ ममतांचल कर्मपथीमाँ हृदय सदैव त्रिमूर्ति का अनुभव लघु जीवन,माँ हीरा बेन…

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एक सुखद शाम और कवि-गोष्ठी ने दिया आनंद

नई दिल्ली। हिंदी के वरिष्ठतम १०० वर्षीय साहित्यकार रामदरश मिश्र और ९५ वर्षीय श्रीमती सरस्वती की पवित्र छाँव में मन और प्रेमिल हुआ। कितने ही प्रसंग छिड़े। आचार्य हजारी प्रसाद…

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