शुभ जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ
हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी तृषा द्विवेदी जी का ४ फरवरी को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..
हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी तृषा द्विवेदी जी का ४ फरवरी को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..
हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी अनीता मंदिलवार जी का ४ फरवरी को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..
डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************* देश का वह बजट आदर्श बजट होगा,जो देश के सभी १४० करोड़ लोगों के लिए रोटी,कपड़ा,मकान,शिक्षा और चिकित्सा की न्यूनतम व्यवस्था तो करे। राष्ट्र को परिवार बना…
नीलू चौधरीबेगूसराय (बिहार)*************************************** सालों पहले हम आजाद हुए,पर हमें मिली कहाँ पूरी आजादी ?अभी तक हम जी रहे,अधूरी आजादी के साथ…। आजादी के जश्न पर,कुछ चटकता है हमारे भीतरशायद ये…
खुशी सिंहमुंबई(महाराष्ट्र) **************************** मैं रुकी नहीं,थम सी गई हूँअपने सपनों से,सहम सी गई हूँ।डर लगता है,आगे बढ़ने सेफिर दो कदमपीछे हटने से।रास्ते के फूल,काँटे बन गए हैंअब हम बच्चे नहीं,बड़े…
ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रचना शिल्प:१२२ १२२ १२२ १२ वज़्न.... दिखे तो न क्या हुई कयामत नहीं,कि जा हमें तुमसे मोहब्बत नहीं। कहूं किस तरह की तोहमत नहीं,हमें भी पसंद तेरी सोहबत…
विद्या होवालनवी मुंबई(महाराष्ट्र )****************************** 'कोरोना' का ऐसा कहर आया,पूरे विश्व को खामोश करायाकर हमें अपनों से पराया,घर में ही कैद कराया। ‘जहाँ हो वहीं’ थमना,साथ में नहीं-अकेले रहनाहर वक्त मजबूर…
डॉ. रचना पांडे,भिलाई(छत्तीसगढ़)*********************************************** एक तुम ही हो,मेरे वजूद के हर हिस्से मेंएक सुकून की तरह समाए हो,मेरी पलकों के हर रोम छिद्र मेंमेरे संग तुम आजन्म हो,बस एक तुम ही…
अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ************************************ कानून ने २ बालिगों को अपनी मर्जी से एक-दूसरे के साथ 'लिव इन रिलेशनशिप' में रहने और विवाह करने को पूरा संरक्षण दिया है,न्यायालय भी २ बालिगों…
संजय गुप्ता ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************************** लक्ष्य पथ पर सदा अग्रसरित रहें,चाहे आते हों कितने ही व्यवधानकर्म पर ही सदा दृष्टि बनाएं रखें,फल पर नहीं हो हमारा यह ध्यान। फल पर नहीं…