देश बचाने कौन आयेगा

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** हमारे देश को फिर से बचाने कौन आयेगा,लहू दुश्मन का धरती पर बहाने कौन आयेगा। बहुत कुर्बानियां देकर के पायी थी ये आज़ादी,हमें फिर से वो…

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पुरअसर जिंदगी

ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** सितारे भरे हो नजर जिंदगी।जरा गम मिले तो जहर जिंदगी। खुशी में न बहके न गम में जले,समुंदर माफिक लहर जिंदगी। फकीरा बने रूह सूफी रहे,रहो मौज में…

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लोभ मोह के भँवर

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* अनाचार के बुरे कृत्य को,मूक देख चुपचाप खड़ा।श्रेष्ठ कर्म के पथ को भूला,मनुज द्वेष में आज पड़ा।स्वार्थ भाव को हृदय बसाता,सबके मन वो खटक रहा।लोभ मोह…

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तुझे पा कर

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** पा तुझे मिलती खुशी अनमोल है।मधुर रस में अति पगे प्रिय बोल हैंll तू तमन्ना तू अपेक्षा अति सुघर,तू ही मेरा स्नेहमय मधु घोल है। बात…

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झूठे हुए मुखर

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)************************************* भ्रष्टाचार के इस युग में,हम अब कैसे जिएंक्योंकि यहां झूठे हुए मुखर,और सच्चे गूंगे हो गए। कितना भी प्रयत्न करो,सच्चाई नहीं छुपती हैझूठ की दाल…

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पल्लव गान करें

विनय कुमार सिंह ‘विनम्र’ चन्दौली(उत्तरप्रदेश)***************************** जिनके पल्लव कोमल सुन्दर,वे नाच-नाच कर गान करेंजिनको काँटे बस बिछे हुए,वे रुककर कहीं विहान करें। जिनके अधरों पर अमृत रस,वे विचरण सहज जहांन करेंजिनके वचनों…

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पगडंडी

अलका जैनइंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************ आशियाने से मंजिल तलक कोई रास्ता नहीं होता यार,कोई मील का पत्थर नजर नहीं आता बहुत खोजाकोई रास्ता बताने वाला गाइड नहीं होता,कोई नक्शा नहीं पहुंचा सकता…

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अब और…नहीं

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)******************************************** सिमटी-सिमटी जिंदगी में बसर,अब और नहीं…अब और नहीं। ठहरी-ठहरी राहों का सफ़र,अब और नहीं…अब और नहीं। बांध ले अपनी हिम्मत को,तिल-तिल मरना,अब और नहीं…अब और नहीं।…

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सजग नहीं हैं लोग

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरीकुशीनगर(उत्तर प्रदेश) ******************************************** 'कोरोना' से भी अधिक, घातक थी वह भूख।जिसके कारण राह में,प्राण रहे थे सूख॥ सभी घरों में बंद थे,थी दुनिया बेहाल।कोई भूलेगा नहीं,मौतों का यह…

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क्रान्तवीर सरताज

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *************************************** शील त्याग गुण कर्म का,मानक था जो लोक।सत्य अहिंसा सारथी,गाँधी थे आलोक॥ सहज सरल नित सादगी,मृदुभाषी सद्नीति।शान्ति दूत अतुलित प्रखर,संकल्पित सद्प्रीति॥ निर्मल मन निर्भय…

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