आत्महत्या:निर्बलता को बनाएं शक्ति
अल्पा मेहता ‘एक एहसास’राजकोट (गुजरात)*************************************** 'सुख में न विवेक खो,दु:ख में न सहनशीलता।सुख में हम अगर विवेक खो देते हैं, और दु:ख में सहनशीलता,तो हम कभी मानसिकता से स्थिर नहीं…
अल्पा मेहता ‘एक एहसास’राजकोट (गुजरात)*************************************** 'सुख में न विवेक खो,दु:ख में न सहनशीलता।सुख में हम अगर विवेक खो देते हैं, और दु:ख में सहनशीलता,तो हम कभी मानसिकता से स्थिर नहीं…
गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* माँ सारदा देवी जी को प्रणाम एवं श्रद्धाञ्जली अर्पण।मैं माँ जो हूँ! माँ अगर सन्तान की देखभाल नहीं करेगी तो कौन करेगी! कोई अगर माँ कहकर…
कनाडा। केन्द्रीय हिंदी संस्थान और विश्व हिंदी सचिवालय के तत्वावधान में वैश्विक हिंदी परिवार की ओर से 'विश्व हिंदी दिवस' के अवसर पर रविवार १० जनवरी को शाम ५.३० बजे…
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)l चिंतक,साहित्यकार, समाजसेवी तथा सर्वाधिक सक्रिय संभ्रांत समाज भारत के साहित्य प्रक़ोष्ठ के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिवशरण श्रीवास्तव अमल को संभ्रांत समाज में निरंतर श्रेष्ठ कार्य करनें के परिप्रेक्ष्य में अतिविशिष्ट…
मंडला(मप्र)l अखिल भारतीय साहित्य सदन(नई दिल्ली) के संस्थापक-राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राम निवास इंडिया ने केन्द्रीय कार्यकारिणी की गत दिवस घोषणा की। इसमें श्रीमती कुसुमलता 'कुसुम'(दिल्ली) को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,डॉ. राजीव पांडेय(गाज़ियाबाद)…
डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** ये झुकी-झुकी पलकें,तुम्हारा इंतजार करती हैंझुककर उठना,उठकर थमना,थमकर फिर झुक जानातुम्हारे आने की आस,बयां करती हैं। कभी घिर आती है घटा,काले घने मेघों-सीबन तस्वीर इन…
डॉ.हेमलता तिवारीभोपाल(मध्य प्रदेश)******************************************************* काव्य संग्रह हम और तुम से.... तुमने मेरे अचेतन मन में,कब,कैसे भर दिए मोगरे के फूल!मैं रात रानी की तरहा,बगीचे में खिली। हर रात महक जाती हूँ,इन…
गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* काव्य संग्रह हम और तुम से..... कितनी सुंदर हो,तुम रूपसी-काश!,तुमको मालूम होता।अगर होता तो-काजल के श्रृंगार से आँखों की चमकजरूर बढ़ा देती।रहती थी तुम-अपने ही काँटों…
गीता विश्वकर्मा 'नेह' कोरबा (छत्तीसगढ़)*************************** काव्य संग्रह हम और तुम से.... कल तेरी बाँह का संबल नहीं होने वाला,और मुझ पर तेरा आँचल नहीं होने वाला। इश्क आँखों में लिए…
गुंजा पुंढ़ीरबरेली(उत्तरप्रदेश)******************************** काव्य संग्रह हम और तुम से.... तुम्हीं बनके घन,नभ पे छाए हो प्रियतम।विरह-वेदना ने,बुलाए हो प्रियतम॥ हृदय-सिंधु की गहरी लहरों में तुम हो।तुम्हीं बन के मोती,समाए हो प्रियतम॥…