तन्हा मन
ममता तिवारीजांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************************* अकेलेपन में उभरती भीड़ शोर गुल,साँस लेने साँस ढूंढते पकड़तेफुर्सत भरे पल पँछी बन उड़े थे,खड़ी आज झलक में झलकतेफुर्सत पँछी है दाने चुगतेlनहीं चाहिए फुर्सत अकेलेपन के…