हे अटल तुम्हें शत-शत प्रणाम

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ***************************************************** श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष………. हे महा हृदय,हे जननायक,भव मध्य सिंधु,हे गगन इंदु।हे महाभाग,गौरव हिमगिरि,हे दैन्य द्रवित,हे अमर बिंदुllभारतीयता,अवलंबन,हे ज्ञानवन्त,हे परम संत।हे धर्म परायण,युगदृष्टा,हे…

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राष्ट्र के सच्चे हितैषी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष………. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी,की कवि व्यक्तित्व वाली शैली थी। थे प्रधानमंत्री भारतवर्ष के,राष्ट्र के सच्चे…

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अटल जी एक दृष्टांत

गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)************************************************************ श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष………. हिन्दी भाषा जिसके प्राण हैं,अटल जिसका इरादा हैहिंदुस्तान के बिहारी हैं-आप वाजपेयी जी,विश्व प्रणम्य हैं। बाल ब्रह्मचारी,सीधा सादा,कोमल…

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श्री अटल बिहारी वाजपेयी

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* श्री अटल बिहारी वाजपेई:कवि व्यक्तित्व : स्पर्धा विशेष.......... सादगी से परिपूर्ण था जो,रहा अटल जो जीवन भर।कभी रुका ना कभी झुका ना,कोई नहीं था हमसफर॥ भारत…

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मोहन धरा उबारिये

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)********************************************* गोवर्धन धारण किये,इंद्र कोप से आप।मोहन धरा उबारिये,कोरोना संताप॥ घूम रहा है दैत्य बन,देखो देश विदेश।गिरधारी रक्षा करो,कोरोना है क्लेश॥ उथल-पुथल चहुँ ओर है,निराकार आकार।महाकाल…

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एक कदम अस्मिता की ओर जरूरी

अल्पा मेहता 'एक एहसास'राजकोट (गुजरात)*************************************** खोयी हुई अस्मिता पानेबरसों से जूझ रहा हूँ,अपने ही इंडिया मेंमैं खुद को खोज रहा हूँ,ज़हर के घूंट पी-पी केबद से बदतर काम कर रहा…

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क्या तुम…?

डॉ. रामबली मिश्र ‘हरिहरपुरी’वाराणसी(उत्तरप्रदेश)****************************************** क्या तुम सच में प्यार करोगे ?या मारोगे और मरोगे ?? सच बतलाओ झूठ न बोलो,क्या मुझको स्वीकार करोगे ?? सोच-समझकर बतलाओ प्रिय,क्या मुझ पर एतबार…

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मुझे भी जीने दे

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** शान से जी,गर दौलत-ताक़त पास है तेरे,मगर मुझे भी जीने दे,हक़ मेरा भी हैl मंदिर-मस्ज़िद,गिरजे-गुरद्वारे,गर हैं तेरे,मैंने दिल में बसा रखा,रब मेरा भी हैl…

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संजीदगी से गढ़ी जा रही है लघुकथाएं-प्रो. खरे

मंडला(मप्र)। ऑनलाइन सम्मेलन लघुकथा वर्तमान में सामाजिक चेतना,राष्ट्रीय एकता व साम्प्रदायिक सद्भाव के क्षेत्र में भी अति महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रही है। यह महत्वपूर्ण भी है और ज़रूरी…

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खुशी तो मन का एहसास

राजकुमार अरोड़ा ‘गाइड’बहादुरगढ़(हरियाणा)***************************************************** हर समय खुश रहना कौन नहीं चाहता! खुशी हमारी चाहत है! खुशी हमारी चाहना है,पर सिर्फ चाहने से क्या होता है ? खुशी को अपना नैसर्गिक स्वभाव…

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