अपने किरदार को जियें

एस.के.कपूर 'श्री हंस'बरेली(उत्तरप्रदेश)********************************* आओ करें दुनिया में कुछ काम हम ऐसा,दुनिया चाहे बनना फिर हम ही जैसा।किरदार को जियें जिंदगी में ऐसी शिद्दत से-जाने से पहले बनाएं अपना नाम कुछ…

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याद आता है मुझे…

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* देखकर दूरक्षितिज पर मिलता,मुस्कराती शाम सेढलता दिन।याद आता है मुझेउनसे वो पहला मिलन। कड़कती बिजलियों सेमेरा वो डर जाना,बरसते सावन कीबौछारों की मिट्ठी छुअन।याद आता है मुझे,उनसे…

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उदासी से…परे

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)************************************************ चाहे,जिंदगी उदास हो…उदासी भरा दिन,उदासी भरी एक लंबी रात हो…वही जिंदगी की,चक्की पर चलतीदिन और रात के कामों की,हर दिन की तरह वही लिस्ट हो। चाहे,जिंदगी…

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करम है उसका

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** उसका कद गर बहुत बड़ा है,उसे मुबारक़, गर आसमान में वो उड़ता है,उसे मुबारक़। रब ने तो दी नेअमत,जितना हक़ है जिसका, बख़्शी उसने…

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उजास मन

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************** प्रेम सरित उद्गम करने को, अनुरागी मन चाहिए। घृणा भाव को तजना होगा, उजास मन अब चाहिए। दंभ कपट से भरे कृत्य को, मन से दूर…

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रौशनी की किरण

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************** (रचना शिल्प:२१२ २१२ २१२ २१२) रौशनी की किरण दे जमीं को गगन।नीर देती जमीं साथ होती पवनll लेन और् देन के खेल दोनों करें,सृष्टि-दस्तूर…

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अत्यधिक आकांक्षाओं से टूटते परिवार

डॉ.सत्यवान सौरभहिसार (हरियाणा)************************************ भौतिकवादी युग में एक-दूसरे की सुख-सुविधाओं की प्रतिस्पर्धा ने मन के रिश्तों को झुलसा दिया हैl कच्चे से पक्के होते घरों की ऊँची दीवारों ने आपसी वार्तालाप…

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चाय

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)*********************************************** अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस विशेष... सर्दी में संजीवनी,अदरक वाली चाय।पुण्य-लाभ का आजकल,उत्तम यही उपाय।उत्तम यही उपाय,बात यह सांची जानो।अगर पिलाई चाय,किया परमारथ मानो।कहता 'शिव' सच बात,दिलाती राहत…

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तन्हाईयों से प्यार

डॉ.हेमलता तिवारीभोपाल(मध्य प्रदेश)******************************************************* तन्हाईयों से प्यार हो गया,तन्हाईयों से प्यार हो गयाकुछ यूँ हुई जिन्दगी,जीना दुश्वार हो गयाlहर शाम उनकी याद साथ रहती,हर सुबह उनकी बात याद रहतीकभी चाय में…

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हिन्दीःविश्व में प्रतिष्ठा,देश में उपेक्षा क्यों ?

ललित गर्गदिल्ली ****************************************************** हाल ही में एथनोलॉग द्वारा जारी प्रतिवेदन के अनुसार हिंदी विश्व में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बन गई हैl वर्तमान में ६३७ मिलियन लोग…

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