प्रभु…
शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* बीच मझदार में ही,फंसी हुई मेरी नाव,मुझको उबारने को,प्रभु पतवार दो। अपना मैं जोड़ हाथ,पूजूं दिन-रात नाथ,रुक्मणि बना के आप,मुझे उपहार दो। आपके सहारे यह,जीवन जियूँगी…