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भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा में आपत्ति जनक हिंदी अनुवाद

मुंबई(महाराष्ट्र)l

भारतीय प्रशासकीय सेवा का प्रश्न-पत्र मूलत: हिंदी भाषा में तैयार हो,उसका अनुवाद अंग्रेज़ी भाषा में हो। इस आशय का माँग पत्र वैश्विक हिंदी सम्मेलन के उपाध्यक्ष निर्मल कुमार पाटोदी ने केन्द्रीय कर्मिक एवं प्रशिक्षण राज्यमंत्री को भेजा हैl
प्रति,

जितेन्द्र सिंह जी,

केन्द्रीय कर्मिक एवं प्रशिक्षण राज्यमंत्री,

नार्थ ब्लॉक,नयी दिल्ली-११०००१

विषय:भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा में आपत्ति जनक हिंदी अनुवाद।

महोदय,

आप संविधान सम्मत भारत राष्ट्र के जन प्रतिनिधि और कर्मिक एवं प्रशिक्षण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा प्रारंभिक परीक्षा में सम्मिलित हुए लाखों परीक्षार्थियों को प्रश्न-पत्र के मशीनी अनुवाद किए जाने से हिंदी भाषा माध्यम के परीक्षार्थियों का भविष्य ही अंधकार में घिर गया है।

आपसे अनुनय है,कृपया प्रस्तुत पत्र का सकारात्मक जवाब देने की अनुकंपा कर अनुग्रहित करें। भविष्य में मूल प्रश्न-पत्र हिंदी भाषा में तैयार करने की नीति बनाई

जाए और उसका अनुवाद अंग्रेज़ी भाषा में हो।

महानुभाव,इस वर्ष आयोजित प्रशासनिक प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए अंग्रेज़ी प्रश्नों का जटिल,भ्रामक, दुर्बोध और ग़लत अनुवाद हुआ है। हिंदी माध्यम के परीक्षार्थी
अंग्रेज़ी माध्यम की तुलना में अवसर की समानता के अधिकार वंचित हो गए हैं। गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारा जारी ई-महाशब्दकोश के

स्थान पर गूगल आदि से हिंदी में मशीनी अनुवाद किया गया,ऐसा लग रहा है। अनुवाद अव्यवहारिक,असंगत और परीक्षार्थियों के जीवन को बर्बाद करने का कारण बन गया है।

महानुभाव,ग़लत अनुवाद से हुए नुकसान का संतोषप्रद समाधान निकालना आपके विभाग का दायित्व है। इस संबंध में हुई लापरवाही के लिए मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुँचे और न्याय वहाँ से मिले,यह संगत नहीं है।

 विश्वास है मान्यवर,बिना विलंब समाधान निकाल कर भारत के हिंदी भाषी बहुसंख्यक  आबादी से जुड़े परीक्षार्थियों को हुई अपरिमित मानसिक क्षति की पूर्ति कर देंगे। आदरणीय,आपकी जानकारी के लिए जो असंगत अनुवाद हुआ है,उसकी प्रस्तुत जानकारी से विचलित हुए बिना नहीं रहेंगे-सन् २०१४ में हुई परीक्षा की विसंगति-

अंग्रेज़ी शब्द हिंदी अनुवाद

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 प्लास्टिक                          सुघट्य

 अंपायर                             खेलपंच

ओनरशिप               -          स्वामी

 कन्पिलक्ट ऑफ़ इन्ट्रस्ट-      हित-द्वंद्व 

 स्टील प्लांट                   -   लोहे का पेड़ 

 नॉर्थ पोल                      -   उत्तरी खंभ

डेटा – दत्त

 बोल्डर्स               -विशाल गोलाश्म

 फ्री एनर्जी           -प्राप्तयंम उर्जा

 डिजजर्टिफिकेशन   -          मरुभवन

 आर्थ आवर            -        पृथ्वीकाल

 10 डिग्री चैनल            -दस अंश जलमार्ग

  टर्माइट                      -बरूथी (दीमक)

  सॉरिंग ऑफ़ मिल्क       -दूध आसकंदन

  इन्क्रीजिंगली एक्सेप्टेड     -वर्धमानत: स्वीकृत

उक्त अनुवाद से प्रभावित दिल्ली के मुखर्जी नगर के छात्र ने तो ख़ुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की थी,जिसे पुलिस ने असफल कर दिया था। मामला संसद में भी उठाया गया था।

महोदय,६ साल के बाद पुन: प्रश्न-पत्र मूल रूप से अंग्रेज़ी भाषा में ही तैयार हुए हैं, जो समझने में आने लायक नहीं हैं। आपसे अनुरोध है हिंदी भाषा में

मूल रूप से प्रश्न -पत्र तैयार करके परीक्षार्थियों के साथ हुए अन्याय को दूर किया जाए। हिंदी भाषा में प्रश्न-पत्र तैयार करने से पूरे भारत के परीक्षार्थी लाभान्वित

होंगे। राजभाषा का सम्मान बढ़ेगा। विदेशी भाषा अंग्रेज़ी के अव्यावहारिक दबाव से मुक्ति मिल जाएगी।

(सौजन्य:वैश्विक हिंदी सम्मेलन,मुम्बई)

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