तुम चाँदनी रात हो सजनी
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* काली बदली से प्रिय केश तुम्हारे,देख अंधेरी रातें भी शर्मातीं हैं…नयन तुम्हारे सागर से गहरे,मानों पलकें करती हैं पहरेl होंठ तुम्हारे बहुत ही है प्यारे,लगता जैसे…