कोरोना:यही समय हिंदी के बढ़ावे का

डॉ. ओम विकास******************************************** 'कोरोना' काल में मीडिया में सबसे अधिक हिन्दी का प्रयोग हुआ है। शिक्षा,परीक्षा, प्रतियोगिता और विज्ञान-प्रौद्योगिकी,सेमिनार -वेबिनार में हिन्दी के प्रयोग पर बल दिया जाए। आँकड़े निकालिए…

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…तो बिखर जाओगे

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)***************************************************************** बर्क़ रफ्तार से फिर तुम भी सुधर जाओगे।साथ जब नेक मिलेगा तो संवर जाओगे। सरकशी पर‌ है उतारू यहाँ की तेज़ हवा,एक होकर न…

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जिंदगी और पुण्य

सहज सभरवालजम्मू( कश्मीर) ******************************************************** ज़िंदगी तो मौत का एकमात्र खाना है,मजबूरी में,आज नहीं तो कल सबको निगल जाना है।इंसान का काम तो मेहनत कर,जीवन सजाना है,तब भी थमना नहीं साथियों,किसी…

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वरिष्ठों की त्रासदी-कैसे उबरें!

योगेन्द्र प्रसाद मिश्र (जे.पी. मिश्र)पटना (बिहार)********************************************************************* 'वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि।तथा शरीराणि विहाय जीर्णा- न्यन्यानि संयाति नवानि देही॥ भावार्थ-जैसे मनुष्य पुराने वस्त्रों को त्याग कर दूसरे नए वस्त्रों…

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चलो गाँव की ओर

आशा आजादकोरबा (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** चाह अगर सुंदर जीवन की,चलो गाँव की ओर।चीं चीं करके गीत सुनाती,चिड़ियों का हो शोर। कलकल बहती नदियाँ सुंदर,सुन लो सुंदर राग,हरी वादियाँ हृदय लुभाती,सुंदर होली…

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अहंकार से दुर्गति

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* अंहकार मानव की प्रकृति,कभी हो जाए ये जो अतिसोच-विचार कर दे विकृत,करता मनुज है तब दुर्गति। अंहकार करे विवेक भ्रमित,समझे निम्न हैं लोग सभीझूठ का…

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अच्छी लगती है

रेखा बोरालखनऊ (उत्तर प्रदेश)************************************************************* अच्छी लगती हैयह बरसात मुझे,मेरे आँसूओं को बहा ले जाती हैयह अपने साथताकि कोई न देख पाएमेरे रिसते घाव।अच्छा लगता है मुझे,बादल का गर्जनमेरे क्रन्दन को…

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नर से नारायण बना देती है…एक बूंद

कुँवर बेचैन सदाबहारप्रतापगढ़ (राजस्थान)********************************************************************** चारों तीर्थ एक बार,रक्तदान बारम्बारlबात हो एक धुन की,और जुनून कीकाम आए हर बूंद,किसी के खून कीlमानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं होता,रक्तदाता से बड़ा कोई…

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किसी पर तो आएगा…

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** न दिल की प्यास,मेरी बुझती हैन दिल को,चैन मिलता है।पर न जाने,क्यों तुम्हारी यादेंदिल से,जाती नहीं हैll कदम-कदम पर,तुम याद आते होदिल की गहराइयों में,क्यों समाए हो।क्या…

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श्रुतिमधुर शब्दोंके चितेरे महाकवि कालिदास

गोपाल चन्द्र मुखर्जीबिलासपुर (छत्तीसगढ़)************************************************************ जयतु: महाकवि कालिदास।सुदीर्घकाल से निरंतर परिश्रम करते हुए चयन किए गए सुंदर,श्रुतिमधुर एवं अर्थवाहक शब्दों का जाल बुनकर साहित्य को रचित या सृजित किया जाता है।…

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