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बैंक:लेन-देन में संक्षिप्त सूची समय की महती आवश्यकता

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’
बीकानेर(राजस्थान)
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सभी जानते हैं कि,सरकार ने अंकीयकरण(डिजीटलाईजेशन) पर पूरा ध्यान लगा रखा है,उसी का परिणाम है कि,आजकल शहरी इलाकों के अलावा ग्रामीण इलाकों में भी बैंकिंग लेन-देन काफी होने लग गए हैंl फलस्वरूप बैंकिंग प्रणाली पर भी दबाब बढ़ा ही है,और उसके चलते जितना ज्यादा प्रणाली में सुधार होगा,वह सभी के हित में रहेगाl
एक महत्वपूर्ण छोटे प्रशासनिक प्रकार के सुधार मामले की ओर ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूँ,अगर इसे लागू किया जाता है तो,जो निश्चित रूप से आम जनता को राहत प्रदान करेगाl आजकल अंकीयकरण के कारण हमारे वेतन,लाभांश,ब्याज आदि सीधे हमारे बैंक खातों में जमा हो रहे हैं। इसी तरह विभिन्न ईएमआई,विद्यालय शुल्क,मकान किराया आदि भी हमारे खातों से हमारे स्थायी निर्देशों के अनुसार काट(डेबिट)लिए जाते हैं।इस तरकीब से सरकार के अलावा खाताधारक हो या बैंक,या भुगतानकर्ता सभी प्रसन्न तो हैं ही,बल्कि पूर्णरूपेण संतुष्ट भी हैं।
हालाँकि,अभी भी जब हम अपना बैंक विवरण(स्टेटमेंट) प्राप्त करते हैं,तो खातों को मिलाने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है,जिनमेंं दो मुख्य कारण है-डाटा एंट्री ऑपरेटर द्वारा भाषा का उपयोग तथा सॉफ्टवेयर प्रणाली में शब्द प्रतिबंध यानी पूर्ण कथन दिखाई नहीं देते हैं।
इसके अलावा यह भी देखा गया है कि,बैंक विभिन्न प्रकार के कथानकों का उपयोग करते हैं। एक स्थान पर उदाहरण के लिए टाटा टेलीसर्विसेज के लाभांश का श्रेय,वे एक विशेष कथन (Div/Tata/76767868768)का उपयोग करेंगे,लेकिन दूसरे महीने में वे स्वयं एक और कथन (TataTel /NEFT/687674676) का उपयोग करते हैं। हम अनुमान लगाते रहते हैं कि,इसका क्या अर्थ होगा और समझ नहीं पाए तो हमें समझने के लिए बैंक से संपर्क करना होगा यानि-यह क्रेडिट किस बारे में है या किस संस्थान से एनईएफटी के रूप में यह लाभांश आया है या और कुछl
उपरोक्त उदाहरण से-कथन में केवल टाटा का उल्लेख करने से भ्रम बढ़ता है,क्योंकि कई संस्थान हैं जो टाटा शब्द से शुरू हैंl बैंकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कथन का प्रारूप मानकीकृत(प्रमाणीकृत) नहीं है।
ऐसे में सुझाव है कि,संस्थान(कम्पनी)के लिए एक मानकीकृत नाम (या क्रेडिट) का उपयोग किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए टाटा स्टील, टाटा टेली,टाटा मोटर आदि। कथन का प्रारूप भी तय अनुसार यानि लेनदार नाम,लेन-देन का प्रकार,लेन-देन की प्रकृति,यूनिक तरण संख्या होना चाहिए। उदाहरण के लिए-यदि टाटा पावर नेफ्ट के रूप में लाभांश भेजा है,तो अंग्रेजी में कथन टाटा पावर/नेफ्ट/लाभांश/ 536637474 होना चाहिए। ऐसे ही यदि सूरज कुमार बिन्नाणी ने मुझे ५६५६ संख्या का चेक जारी किया है,जो मैंने अपने खाते में जमा किया है और मेरे बैंक द्वारा जमा किया जा रहा है,तो विवरण सूरज बिनानी/समाशोधन/चेक/५६५६ होना चाहिए।
इन सभी कठिनाइयों को दूर करने के लिए रिज़र्व बैंक को सभी मध्यस्थों की मदद से ज्यादा से ज्यादा कम आने वाले लेन-देन की एक संक्षिप्त सूची तैयार करनी चाहिए,जो सभी बैंकों द्वारा उपयोग किए जाने के लिए आवश्यक होनी चाहिए। विडंबना है कि रिज़र्व बैंक ने इस विषय पर सभी बैंकों को सलाह दी थी,लेकिन जमीनी हकीकत यानी इस पर कोई अमल नहीं हुआ है। संक्षिप्त सूची एकरूपता,अनुशासन लाएगी और डाटा फीडर के साथ-साथ बैंक प्रबंधन और ग्राहकों को यह समझने में मदद करेगी कि,इसका क्या मतलब है। संक्षिप्त सूची तैयार होने के बाद इसका संदर्भ प्रत्येक बैंक की वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध कराया जाना चाहिए और समय-समय पर अदयत्न(अपडेट)की जानी चाहिए।

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