‘गोदान काव्य रूपांतरण’ पुस्तक लोकार्पित
धनबाद (झारखंड)। डॉ. जे.के. सिन्हा मेमोरियल इंटरनेशनल स्कूल में हिंदी साहित्य भारती के प्रदेश महामंत्री व साहित्यकार राकेश कुमार द्वारा रचित 'गोदान काव्य रूपांतरण' (विश्व उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद के…
धनबाद (झारखंड)। डॉ. जे.के. सिन्हा मेमोरियल इंटरनेशनल स्कूल में हिंदी साहित्य भारती के प्रदेश महामंत्री व साहित्यकार राकेश कुमार द्वारा रचित 'गोदान काव्य रूपांतरण' (विश्व उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद के…
दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* मदमाती वर्षा ऋतु आई,तपती धरती की तपन मिटाईरिमझिम-रिमझिम बरसे मेघा,सबके मन में हैं खुशियाँ छाईं। बादल गरजे, बिजली चमके,बूँदों ने बारात सजाईहरी चुनरिया ओढ़ धरा भी,पावस के…
ललित गर्ग दिल्ली*********************************** दक्षिण भारत के विभिन्न राज्यों में हिन्दी विरोध की राजनीति अब महाराष्ट्र में भी उग्र से उग्रत्तर हो गई, इसी कारण त्रिभाषा नीति को महाराष्ट्र में लगा…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* मानवता का धर्म निभाएँ, रीति-नीति को हम अपनाएँ।करुणा-दया, नेहपथ जाएँ, परहित को आचार बनाएँ॥ भूखे को रोटी देकर हम, मंगलमय जीवन कर जाएँ,गहन तिमिर में प्रखर…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** उजड़ रही है देखो बस्तियाँ आज,उजड़ रहे हैं सब खेत-खलियानवह दिन भी शायद दूर नहीं अब,जब बन जाएगी धरती ही श्मशान। न कार रहेगी, न कोठियाँ…
पद्मा अग्रवालबैंगलोर (कर्नाटक)************************************ ३५ वर्षीय सावित्री लोगों के घरों में झाड़ू-फटका करके अपनी बेटी खुशी को पढा-लिखा कर उसके भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए अथक परिश्रम कर रही थी।७…
जबलपुर (मप्र)। प्रेरणा हिंदी प्रचारिणी सभा निरंतर हिंदी के प्रचार-प्रसार में सतत प्रेरणादायक कार्य कर रहे कवियों-कवयित्रियों व हिंदी प्रेमियों को सम्मानित कर रही है। इसी क्रम में २ रचनाकारों…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** कहाँ गया रिश्तों से प्रेम…? कहाँ गयारिश्तों से प्रेम,जब देखा रिश्तों की मिठाई परदौलत का वर्क चढ़ने से,दौलत वाले लोगों कोमिठाई मिलने से,रिश्तों से प्रेम भाप…
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* नन्हे फूलों की फुलवारी,महक रही है डाली-डालीखिले बाग में सुमन निराले,कितने सुंदर, कितने प्यारे। महक उठा है उपवन सारा,हुआ गुलसितां महका न्याराफूलों से लद गई हर…