मातृत्व, साहस और नेतृत्व की अद्वितीय गाथा

डॉ.शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** राजमाता जीजाबाई पुण्यतिथि (१७ जून) विशेष... भारतीय इतिहास की महान विभूतियों में राजमाता जीजाबाई का नाम आदर और श्रद्धा से लिया जाता है। वे केवल छत्रपति शिवाजी…

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सम्मेलन में बाँधा देश भक्तिपूर्ण रचनाओं का समाँ

आगरा (उप्र)। नगर की काव्य संस्था गीत चाँदनी के तत्वावधान में ४४वें वर्ष के ९वें मासिक कवि सम्मेलन का आयोजन संजीव आंजनेय स्वामी मंदिर के पवित्र प्रांगण नेकलस रोड पर…

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वजह बहुत थी खास

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* हुआ महाभारत तभी, वजह बहुत थी खास।द्रुपदसुता ने था किया, दुर्योधन का हास॥ कभी न करना और का, तुम किंचित उपहास।वजह बनेगी हो कलह, टूटेगा विश्वास॥…

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हिन्दी का प्रचार-प्रसार करना आवश्यकता-राज्यपाल

वार्षिकोत्सव.. हैदराबाद (तेलंगाना)। सभा में आकर बहुत प्रसन्नता हुई। हिन्दी प्रचार सभा हैदराबाद ९० वर्षों से निरन्तर हिन्दी का प्रचार-प्रसार कर रही है। इसी तरह प्रचार-प्रसार करना आवश्यकता है। यह…

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मालती जी की रचनाओं से फ़िल्म निर्माताओं को सीखना चाहिए

'स्मृति कल्प'... इंदौर (मप्र)। मालती जोशी जी की उत्कृष्ट रचनाओं को छापने में संपादक कभी नहीं थके। मालती जी ने अपनी रचनाओं में घर-घर की कहानियों व भारतीय परिवार व्यवस्था…

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हिन्दी:विदेश में सिखाने और सीखने की व्यावहारिक समस्याएं

डॉ.शैलेश शुक्लाबेल्लारी (कर्नाटक)**************************************** हिंदी भाषा केवल भारत की नहीं, बल्कि वैश्विक सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। वर्तमान में हिंदी विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली…

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आप जैसे पिता बनना चाहती हूँ…

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* यादें…हम चाहें तो भी तुम्हें नहीं भूल सकते..!!तुमने हमें जीना सिखाया,खुश रहना सिखायाजिंदादिल बनाया।बहुत गर्व होता है कि, दुनिया की इतनी भीड़ में ईश्वर ने तुमको…

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नयी पीढ़ी को प्रेरणा देती हैं साधु पुरुषों की आत्म-कथाएं

लोकार्पण... पटना (बिहार)। लोक-कल्याण की भावना से जीवन व्यतीत करने वाले सज्जन पुरुषों अथवा देवियों की आत्मकथाएँ समाज के लिए प्रेरणादायी होती हैं। इसीलिए आत्म-कथाओं का व्यापक महत्त्व है। बिहार…

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वह पिकनिक…!

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** बात आज से लगभग ३० वर्ष पहले की है, जब मैं शाला में पढ़ाया करती थी। प्रति वर्ष सर्दियों में बड़े दिन की छुट्टियों से पहले हम…

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धरती पर हमारे पिता ही ईश्वर का स्वरूप

सोनीपत (हरियाणा)। ईश्वर पिता हैं और धरती पर हमारे पिता ही ईश्वर का साक्षात स्वरूप हैं।अध्यक्षीय उद्बोधन में यह बात साहित्यकार बिनोद कुमार पाण्डेय (सिवान, बिहार) ने कही। मौका रहा…

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