`चमकी` बुखार या बच्चों को निगलने वाला अजगर

शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ पिछले लगभग एक माह से बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार ने ऐसा कहर बरपाया कि,बिहार से दिल्ली तक त्राहि-त्राहि मच गई। संख्या जब पचास…

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बन रही मेरी माफी है

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** मुँह फिरा लेती हो मुझे देखकर ना जाने कितनी नफरत बाकी है, पर मेरी साँसों का फैसला करने तेरी यही एक अदा ही काफी है।…

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पोंगापंथी हिंदुत्व और पोंगापंथी इस्लाम

डॉ.वेदप्रताप वैदिक गुड़गांव (दिल्ली)  ********************************************************************** आज हमारे विचार के लिए दो विषय सामने आए हैं। एक तो कानपुर के युवा मुहम्मद ताज का,जिसे कुछ हिंदू नौजवानों ने बेरहमी से पीटा…

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था जीवन का सार

संदीप सृजन उज्जैन (मध्यप्रदेश)  ****************************************************** कबिरा इतना लिख गये,क्या लिख्खें हम यार। उसने तो की साधना,हम करते व्यापार॥ तुलसी जैसा तप कहाँ,कहाँ कलम में भार। अब घसियारे कलम के,मांगे पद…

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बेबी दीदी

वीना सक्सेना इंदौर(मध्यप्रदेश) ************************************************ उस दिन मंदिर में मुझे बेबी दीदी दिखीl बेबी दीदी शर्मा अंकल की बड़ी बेटी थी..और हमारी ही कॉलोनी में रहती थी,परंतु आज वह कुछ अलग…

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सच या झूठ..

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** हरी आठवीं कक्षा का छात्र था। अचानक वो कक्षा-कक्ष के दरवाजे के सामने आकर गिरा। असल में वो दौड़ते हुए अचानक रुकने की…

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हे माँ

एन.एल.एम. त्रिपाठी ‘पीताम्बर’  गोरखपुर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************** तू अवनि अवतारी, पर्वत की बाला दुःख हरने वाली, जग कल्याणी! जय अम्बे जय जगदम्बे!! तू सीता सावित्री, पार्वती विघ्नेश्वरी भुनेश्वरी बाघम्बरी, चंडी चंडिका…

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बारिश

डॉ.सरला सिंह दिल्ली *********************************************** बारिश की बूंदों के मोती, नवजीवन बन बरस रहे। जन-जन की पीड़ा हरते, तप्त धरा हैं शीतल करते। झुक-झुक करते धन्यवाद, वृक्षों के समुदाय समस्त। नदियों…

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इच्छा शक्ति से हर कार्य सम्भव

राज कुमार चंद्रा ‘राज’ जान्जगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़) *************************************************************************** दुनिया में सबसे अधिक कोई बलवान है तो वो है इच्छाशक्ति,दुनिया की हर चीज इसके माध्यम से तुम्हें मिल सकती है। चाह होगी…

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भाषा नीति पर ढुलमुलता छोड़ मजबूती से आगे बढ़ने की बेला

डॉ.विनोद बब्बर नई दिल्ली **************************************************** भाषा जीव के मानव बनने की दिशा में प्रथम कदम कहा जा सकता है। आरंभ में संकेतों की भाषा रही होगी जो कालांतर में शब्द…

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