शुभ जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ
हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी डॉ.सोनाली नरगुंदे जी का ३० जून को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..
हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी डॉ.सोनाली नरगुंदे जी का ३० जून को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..
वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** भैया के ही जैसे हर पल खिलखिलाना चाहती हूँ, माँ नहीं मारो,जहाँ में मैं भी आना चाहती हूँ। है यही बस लालसा देखूँ ज़माने…
सुशीला रोहिला सोनीपत(हरियाणा) *************************************************************************************** बेटी आन-बान-शान है, बेटी से विश्व महान है। वात्सल्य रस में भी बेटी, माता-पिता का रखती ख्याल नन्हें-नन्हें हाथों से, पिता को पानी देती नन्हें-नन्हें हाथों…
ऋतुराज धतरावदा इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* नहीं जानती है तू कहाँ तक फैला है तेरा वजूद, फूलों की खुशबूओं दिल तक छूते हर इक स्पर्श, गोधूली से नहाती साँझ चौके से उठती…
अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** याद मीठी सताती रही, नींद को वह उड़ाती रहीl माघ लेकर सुमन आ गया, गंध खुद को लुटाती रहीl सो गए बाँह में मीत…
डॉ.अमर ‘पंकज’ दिल्ली ******************************************************************************* (रचनाशिल्प:२२१ २१२१ १२२१ २१२) दे दूँ वतन के नाम कलेजा निकाल कर, थाती शहादतों की रखी है संभाल करl आबाद हो गया है तू जुल्फों की…
अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’ भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ कुछ इस तरह मैंने... ज़िंदगी के सफर को, खुशनुमा बना लिया....। मुश्किल था यूँ चलना, इसे आसां बना लिया...। हर कदम पर थी ठोंकरें,…
अनिता मंदिलवार ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** अजीब-सी रीत है, हर काम करने के पहले लगवानी पड़ती है, तुम्हारी स्वीकृति की मोहर। तुम हाँ कहो, तभी कदम आगे बढ़े मेरे वरना कदम…
डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’ बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** गली-गली में मैं हूँ,छाया तुम्हें देता हूँ। खेतों के पार मैं हूँ,वर्षा भी कराता हूँ। शीतल हवा देता हूँ,चुपचाप मैं रहता हूँ। देखो भाई…
तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* धरती के आँगन पर, देखो भोर ने फिर से डेरा डालाl आकाश की गोदी से, उतर कर सूरज ने, अंगड़ाई लीl अलसायी-सी रात ने देखो,…