पिता

सुरेश चन्द्र सर्वहारा कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** १६ जून `पितृ दिवस' विशेष.......... चले साथ में जब पिता,मेरी उँगली थाम। दूर-दूर तक था नहीं,तब चिंता का नामll लगता है जैसे पिता,घर की चारदिवार।…

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वाह रे देश के चौकीदार

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** वाह रे देश के चौकीदार, कमर तोड़ महँगाई बढ़ती। थमता नहीं है भ्रष्टाचार, वाह रे देश के चौकीदार॥ आफ़त में पड़ा अब जन जीवन है,…

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नारी

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* नारी प्रथम गुरु है सृष्टि उससे शुरू है सृष्टा की आद्या सृष्टि है स्त्री का मान कीजिए। नारी है देवी का रूप नारी के है…

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प्रगति रोकना है परिवर्तन ना स्वीकारना

अलका जैन इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** जीवन का पहला सबक होना चाहिए परिवर्तन में आस्था काl यह बुनियादी पाठ है। न काम पर काबू से का न कोध पर काबू पाने का,जीवन…

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कैसे कह सकते हो ?

ओमप्रकाश अत्रि सीतापुर(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************************* कभी देखा है मजदूर को, खाली पेट सिर पर तसला उठाते ? कभी चखा है स्वाद सूखी रोटियों का, कभी गुजारी हैं रातें पानी को पीकर…

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अविश्वास

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** अविश्वास है घात की, घर्म आस्था तथ्य मानव में ईश्वर कहीं, रहता छिपा अवश्य। अविश्वास वह बूंद है, , जो समुद्र से दूर होकर निज…

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हिन्दी तो भारत की मिट्टी,पहल ऊपर से हो

महेश रौतेला **************************************************** शिक्षा नीति २०१९ के प्रारुप पर भाषा को लेकर बवाल........... ये नाटक बाजी लग रही है। हिन्दी क्यों पढ़ें! क्या सरकारों ने हिन्दी(जहाँ हिन्दी प्रथम भाषा है)…

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बेटी की आह सुनो

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** चाहे जो कानून हो,कोई भी सरकार। सोच न बदले स्वयं का,अंत नहीं व्यभिचारll शर्मनाक अमानवीय,निंदनीय आचार। मर चुकी इन्सानियत,निर्भय वह लाचारll मौत मिले…

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नजराना

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** कायनात के मालिक से,नजराना धरा ने पाया, देखो सूरज फिर अम्बर दीप बनकर धरा पे आया। साथ वो अपने रौशन किरणों का नया…

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मैं नील गगन का वासी

देवेन्द्र कुमार राय भोजपुर (बिहार)  ************************************************************* मैं नील गगन का वासी, मैं सदा अभय हूँ बिन बाधा निर्भय हूँ, नहीं चाहिए कृपा किसी की नहीं दया का भाव, गुलामी से…

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