सावन आया

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* पावन सावन-मन का आँगन... देखा मैंने जब खिड़की से कि सावन आया है,बारिश की बूंदों को संग में लेकर सावन आया है। चली पवन ठंडी मतवाली,…

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चंद्रयान-३ की उड़ान

डॉ. रामवृक्ष सिंहलखनऊ (उप्र)******************************* चंद्रयान‌ श्रीहरिकोटा से चला चांद की ओर,अनुगुंजित थीं सभी दिशाएँ, मचा ग़ज़ब का शोर। रॉकेट का वह तुमुल नाद वे भारत के जयकारे,पुलकित थे आबाल वृद्ध…

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सावन-सुरंगा

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** सरस-सपन-सावन सरसाया,तन-मन उमंग और आनंद छाया। 'अवनि' ने ओढ़ी हरियाली,'नभ' रिमझिम वर्षा ले आया। पुरवाई की शीतल ठंडक,सूर्यताप की तेजी, मंदक। पवन सरसती सुर…

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हरियाली अमावस-निर्मल दिन

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** सर्व मनोकामना पूर्ण करने का है,यह मंगलमय पावन त्यौहारसोमवती हरियाली अमावस का यह,पवित्र और निर्मल दिनलेकर आता है खुशियाँ और प्यार। पीपल वृक्ष की एक सौ आठ,परिक्रमा से पूर्ण…

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नुपुर

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* मैं नुपुर हूँ,मैं बजती रहती हूँबजना ही मेरा काम हैकभी अपनों के बीच,कभी गैरों के बीचकभी मैं स्वयं बजती हूँ,कभी बजाई जाती हूँ। क्या…

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प्यार के बदले प्यार ही लेते

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** सावन पावन-मन भावन... क्या उनको खबर नहीं है !आया है ये पावन सावनआया बहार लेकर फिर भी,सूना है मेरे मन का आँगन । हर शय पर है…

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तुम, मैं और बरसात

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* तुम और बरसात,दोनों ही एक जैसेयादों मे बरसते रहते हो,कभी रिमझिम…कभी मूसलधार,दिल को पिघला देने वालेकभी प्रेम से सर्द,कभी आँखों की पलकेंभीगी उफनती हुई…,नदियों जैसे…। भीगा…

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सब खुशियाँ रोईं थीं

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** बड़े प्रेम से बड़े जतन से जो फसलें बोईं थीं,भारी बारिश आई अचानक, सब खुशियाँ रोईं थींकितने सपने देखे थे कि भारी फसल उगेगी,जब बाजार में बेचूँगा…

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शिक्षा है अधिकार हमारा

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** शिक्षा नदियों की सी धारा,शिक्षा जीवन का है किनाराशिक्षा है आधार हमारा,शिक्षा है अधिकार हमारा। क्षुधार्थ शिशु जब करता रोदन,शिक्षा का तब होता रोपणपल-पल जैसे शिशु है…

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धर्म और राजनीति

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** मेरे हिंदुस्तान की है पहचान धरम से,धरम से जगत गुरू का पद पाया हैजनम से मृत्यु तक, धरम ही धरम है,धरम का ध्वज ही सदा से लहराया…

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