प्रकृति की छटा निराली

कमलेश वर्मा 'कोमल'अलवर (राजस्थान) ************************************* प्रकृति की देखो छटा निराली,कितनी सुंदर कितनी मतवाली। ऊंचे-ऊंचे पर्वत देखो, निर्मल झरते झरनों को देखो,उन पर लहराते पेड़ों को देखो, करतल करते पत्तों को…

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विकलांगता और मानवता

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* विकलांगता जीवन में दु:ख-दर्द की धारा है,मानवता से जग में दु:ख-दर्द भी हारा है। मन तो नहीं दिख सकता, पर अंग दिखा करता,मन ही इन…

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सुख का समन्दर

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** दुनिया की रीत है,मीठा-सा संगीत हैमाँ-बाप की अहमियत,अद्भुत व अलौकिक श्रंगार हैसबसे सुन्दर है रूप-रंग में,पृथ्वी पर ईश्वरीय उपहार है। खूबसूरती का एक उन्नत व,अपूर्व व बेहतरीन प्रतीक हैसूर्य…

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कर्मफल दाता

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* शरण में आ गई हूँ मैं, हे कर्मफल के महादानी दाता,चरण वन्दना करती हूँ मैं, स्वीकार करिए हे विधाता। अज्ञानी मूरख नार, धर्म-कर्म कुछ नहीं जानती…

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संदेश

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** उठो करो सतकर्म यही,सन्देश हमारा हैसद्प्रवृत्ति संवर्द्धन का,उद्देश्य हमारा है। कर्मठता के अमृत रस का,जग को पान कराओगौरव वान राष्ट्र की अपने,कीर्ति लता लहराओ।नेह नदी के पावन…

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हुस्न की फिजा

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** हुस्न की फिजा ज़रा,नीची रखिएआजकल दरख्तों के साए में,जुगनू बसते हैं। जहां दिखाई दे रही हैं,मखमली चादरदरअसल उस जगह परकाँटे बिछते हैं। छिपा है दिल में कोई…

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ऐ बादल जरा हौले से बरस

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* ऐ बादल जरा हौले से बरस,ताकि वो मेरे पास आ सकेथम जा, थोड़ा रुक जा कि,वो जल्दी से पहुँच सके। उनके आने की आहट,तेरी रिमझिम फुहारें…

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नाम ही नाम

सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** नाम को नाम का,नाम में नाम सेनाम की पहचान। जन्म के बाद,सुकर्म-धर्म की रेखाही यथोचित नामकरण,कराता व्यतीत जीवनपरिधि संस्कार के केन्द्र से,नाम के लिएनाम में‌ नाम का।…

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योग रखेगा पूर्ण निरोग

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** प्रातः काल करें शारीरिक योग,स्वास्थ्य लाभ अकाट्य प्रयोगसुलभ योग करे हमें निरोग,योग साधना, अध्यात्म है योगमन-मस्तिष्क में जगे प्रयोग,स्वस्थ शरीर हो, भागे रोग,विश्व भी मांगे…

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पिंजरे के पंछी

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** यह दुनिया इक पिंजरे सी,काया, माया के संबंध हैजब तक हम भौतिक देह,तब तक ही मोह बंधन है। हम आत्मा रूप में पंछी,एक दिन…

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