चाहत आपकी

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** उफ ये खामोशी शहादत आपकी,याद है शोखी शरारत आपकी। मौत से यारी ये चाहत आपकी,छोड़ ये कैसी शिकायत आपकी। इश्क की ऐसी इबादत आपकी,बन गयी उल्फ़त कयामत…

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‘माँ’ जीवन की हर खुशी

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* माँ जीवन की हर खुशी, माँ जीवन का गीत।माँ है तो सब कुछ सुखद, माँ है तो संगीत॥ माँ है मीठी भावना, माँ पावन अहसास।माँ से…

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दोस्ती और रिश्ता

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** कौन स्वेच्छा से अपनों से,कभी भी दूर होता है ?स्वयं हालात से अपने,ही वो मजबूर होता है। हमें हरदम यही है सोचना,यह ही समझना है।हर एक रिश्ता…

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धर्म-कर्म करते चलो

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************************** सदा सत्य की राह पर, कदम बढ़े हर बार।मानव सेवा धर्म हो, मन में शुद्ध विचार॥ तन मन तब शीतल बने, जब हो अच्छा कर्म।सत्य…

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राज़

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* ख़ुदा का नाम क्यूँ चलता बहुत है।यक़ीनन राज़ ये गहरा बहुत है। समन्दर की नहीं चाहत हमें कुछ,हमारे वास्ते क़तरा बहुत है। नहीं चाहत…

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खोज नया उजियास

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** 'अजस्र' किरपा गणेश की,सारों सगरे काम।वाणी, मात-पिता सहित,लियो राम का नाम॥ 'अजस्र' शक्ति उस देवी से,सीता सत का नाम।कलम-मसी करते रहें,वीणापाणि प्रणाम॥ 'अजस्र' बली…

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सावन में बिरह

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** बीत गया युग मिल जाओ तो हृदय कमल खिल जाये।युग की प्यासी इन अँखियों को दरश तेरा मिल जाये॥ राह चुनी ऐसी मग चलते, शायद तुम…

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युगधारा बन्धन समझ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ********************************************************************** नूतन नित आशा किरण, अरुणिम नया प्रभात।चलें कर्मपथ साधना, मिले सिद्धि सौगात॥ ये बन्धन हैं मन सभी,भौतिक मायाजाल।बंधे जीवन भर मनुज, लोभ शोक बदहाल॥…

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त्याग

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** धनीराम के २ बेटे थे। बड़े बेटे का नाम सोहन तथा छोटे बेटे का नाम मोहन था। सोहन सांवले रंग का था तथा दिमाग से थोड़ा पैदल…

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यहाँ लोकतंत्र हर कतरे में

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** साठ बरस शाही परिवार,नित्य चलाता था सरकारअब जनमत जीत, उनको चित करना,एक गरीब, पिछड़े के बस में है…मगर, लोकतंत्र खतरे में है। 'हो भारत के टुकड़े…

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