हर ख़्वाब अधूरा
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* जज्बात भरा दिल है, पर एक न पूरा हो।हालात मिटा देते, हर ख़्वाब अधूरा हो। लम्हे न कभी दिखते, महसूस हुआ करते,कुछ वक्त मिटा देते,…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* जज्बात भरा दिल है, पर एक न पूरा हो।हालात मिटा देते, हर ख़्वाब अधूरा हो। लम्हे न कभी दिखते, महसूस हुआ करते,कुछ वक्त मिटा देते,…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* मन्नतों के अनगिनत धागे मैंने बाँध दिये।रात के बाद प्रात सूरज ने फिर सवाल किये॥ बादलों पर चित्र उकेरे और दिया संदेशा,आयेगा जवाब कोई मन…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* जो जीवन जूझे मुश्किल से, खुद मिटती उसकी कठिनाई।जो सजता है संघर्षों से, खुशियाॅं उसकी खुद ही आईं॥ प्रभु जी पार लगाते भव से, जग…
अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** जिंदगी ऐसे ही चलती है।हर दिन हाथ से फिसलती है॥ जो सोचता हूँ, वह रह जाता है,समय का पहिया कुछ कह जाता है।फिर उठता हूँ हौंसले से,…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* कब गुजर जायगी ज़िन्दगी क्या पता,एक मन्जिल मिलेगी न जिसका पता।जिन्दगी हर भले कर्म से सज सके,कर्म सजकर बनें बन्दगी का पता॥ काटनी ही पड़े…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* जा रही जिन्दगी कौन जाने किधर,उम्रभर का सफर, हर कदम बेखबर।रहगुज़र की बनी एक मंजिल मगर,सब पहुॅंचते वहाॅं पर बिना हमसफ़र॥ तयशुदा वक्त है हर…
डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** हे भारत की नारी सुन लो, संविधान को जानिए।आज हमें अधिकार मिला है, पढ़ उसको पहचानिए॥ बाबा साहेब अम्बेडकर जी, सकल जगत की शान है।महिलाओं का…
डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** नहीं मुझे अधिकार दिया है, एक पुजारी बन पाऊँ।संविधान में प्राप्त मान है, गर्व से जग को बतलाऊँ॥ कहें पुजारी नारी देवी, फिर क्यों मान अधूरा…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* मस्ती फागुन की है, होली रुत आई।देख-देख प्रियतम को गोरी इठलाई॥ सजना ने रंगों के मारे थे गोले,सूरत को देखो तो लगते थे भोले।चंचल-सी यह…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* होली विशेष... ब्रज होली है रंगों का त्यौहार, राधा संग खेलें होली रे।गोरी राधा हृदय गोपाल मन माधव प्रिय हमजोली रे॥ मोहे रंग दे…