महिमा शब्द की

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************* यमक अलंकार आधारित… महिमा शब्द ‘वर्ण’ की जानो,सात ‘वर्ण’ ही मुख्य मान।‘नव’ दिवस हो शुभमंगलमय,आओ गा लें ‘नव’ रस गान॥ कृषक रात भर ‘खेत’ में रहा,रण में रहा इक सैनिक ‘खेत।’‘रेत‌’ न आरी से वृक्षों को,बंजर भूमि बनेगी ‘रेत।’रखो ‘जान’ पहचान छंद से,मौलिकता कविता की ‘जान॥’आओ गा लें नवरस गान… पूर्ण ‘अंक’ … Read more

बम बोले

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* मेघ, सावन और ईश्वर… मन का डमरू बोले।जय जय जय बम बोले॥ भक्ति भाव उर भरकर,झूम रहा जग सारा।लेकर कांवर निकले,शम्भू की जयकारा।मन मेरा भी कहता,शिव चरणों में हो ले…॥मन का डमरू… सबसे सुखद सुहावन,मौसम है मनभावन।नभ में गरजे बादल,रिमझिम बरसे सावन।हर्षित मन बम बोले,जय जय जय बम भोले…॥मन का डमरू … Read more

शिव-सुंदर के गुण मैं गाऊं

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* शिव की कृपा का करके चिंतन,गुरु आज्ञा से नाम दोहराऊं।भव में नित्य अकेली रह के,शिव-सुंदर के गुण मैं गाऊं॥ कैसे मैं चाहूं अपने शिव को,कैसे मनाऊं अपने शिव को।पास नहीं ऐसा कुछ मेरे,जो कुछ मैं शिव को दे पाऊं…।भव में नित्य अकेली रह के,शिव-सुंदर के गुण मैं गाऊं…॥ सावन … Read more

बहती है रसधार

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* मेघ, सावन और ईश्वर… सावन अब आया, मन को भाया, पड़ने लगी फुहार,बरसे हैं बादल, दिल है घायल, बहती है रसधार।बन-ठनकर आये, मेघा छाये, लगते हैं चितचोर,यह मन हरषाया, खुशियाँ लाया, नहीं मिला है छोर। उमड़ी है सरिता, करती कविता, हुई सुहानी भोर,यह पावन धरती, नर्तन करती, मचा हुआ है … Read more

कैसे प्रभु विनय करें हम ?

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ मेघ , सावन ,ईश्वर… सावन बीता जाये है, अब तो बरसाओ भगवन।दिनकर का ताप कहाँ तक, झेले ये कोमल तन-मन। सूखे हैं नदियाँ-नाले,सूखे हैं ताल तलैंयाँहरियाली दिखे न भू पर,कहीं घास न पावें गैंयांसब तरुवर ठूँठ हुये हैं,अब चहकें कहां चिरैंयांरूठी है प्रकृति पुरातन,प्रभु मिले नहीं घमछैंयाँ।पूजा को फूल नहीं हैं,कुछ तो लहकाओ … Read more

शाश्वत अधिकार चाहिए

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए,कोई तो हो, जिस पर शाश्वत अधिकार चाहिए। हर दिल की बस मांग यही है अनंत सुखसागर डूबूं,कोई प्रीतम प्यारा ऐसा, जिससे कभी नहीं उबूं।बिछुड़न-तड़पन-भय का ना संसार चाहिए,सबको प्यार चाहिए, सच्चा यार चाहिए…॥ कुत्ते को पुचकारोगे तो वो फिर पूँछ हिलाता है,प्रेम का … Read more

रचा मुझको, यही सम्मान

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* विधाता ने रचा मुझको, यही सम्मान है मेरा।पिता-माता बने दाता, किया भगवान ने डेरा॥ तरसता मैं न दर्शन को, उन्हीं के साथ में रहता,बरसता प्यार उनका ही, सदा सुख से रहा करता।मिलीं ऑंखें मिला है मन, इन्हीं में ज्ञान का फेरा,तभी तो ज़िन्दगी में कर लिया भगवान ने डेरा॥विधाता ने … Read more

जीना हमको सिखा दो

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:२ २ २ २ २ १ १ २ २ २ २ २ २ २ १ १ २ २… हम बालक हैं आप बड़े हो, जीना हमको आप सिखा दो।पूजा करते आप जिन्हें भी, उनसे हमको आप मिला दो॥ हमने देखे मात-पिता ही, जीवन दाता मात-पिता हैं।जानें हम भी बात अगर … Read more

गुजारें प्रेम से जीवन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* गुज़ारें प्रेम से जीवन, नफ़रती सोच को छोड़ें।हम अपने सोच की शैली अभी से, आज से मोड़ें॥ अँधियारे को रोककर, सद्भावों का गान करें,मानव बनकर मानवता का नित ही हम सम्मान करें।अपनेपन की बाँहें डालें, नव चेतन मुस्काए,दुनिया में बस अच्छे लोगों को ही हम अपनाएँ।जो दीवारें खड़ी बीच में आज … Read more

मानव अब तो जाग जरा

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** सब ‘धरा’ रह जाएगा (पर्यावरण दिवस विशेष)… धरा में ही धरा है सब कुछ,धरा से ही तुझे मिला है सब कुछ।अनमोल वसु ये हवा, पानी,इनका तू क्या मोल, चुकाएगा ?इनसे ही जिया, इसमें ही मरे,इससे तू जीत ना पाएगा।ऐ मानव अब तो जाग जरा,तू धरा का धरा रह जाएगा…॥ … Read more