तम्बाकू जीवन ज़हर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************** लत तम्बाकू जिंदगी,नशा बहुत विकराल।पी बीड़ी सिगरेट को,खा ख़ैनी बदहाल॥ तम्बाकू की आदतें,करे मौत आगाज़।कैंसर टी.बी. का जनक,दुश्मन मनुज समाज॥ तम्बाकू गांजा चरस,द्रग अफ़ीम…

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सपनों की उड़ान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* उच्च रहे हरदम यहाँ,सपनों भरी उड़ान।पर कर्मठता संग हो,तो सपनों में जान॥ उड़ना ऊँचा श्रेष्ठ है,पर रखना विश्वास।बिना आत्मबल के यहाँ,सदा टूटती आस॥ सपनों को…

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कब आओगे मोहना

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************* कब से राह निहारती,बैठी यमुना पार।कब आओगे मोहना,छलके आँसू धार॥ माधव तुमसे दूर रह,हुई बावरी आज।मन मेरा लागे नहीं,दर्शन दो ब्रजराज॥ गैया तुझ बिन दीन…

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बरसात

मदन गोपाल शाक्य ‘प्रकाश’फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश)************************************** बनके बदली बरसती,घनघोर चहुँओर।दादुर दौड़े घूमते,घिरे घटा घनघोर॥ प्यासी धरा पुकारती,बरसो दीनदयाल।भीगे दामन भूमि का,हरियाली तत्काल॥ सारंग ने सारंग दियो,सारंग बरसो आए।सारंग जो मुख…

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‘ताउते’ तूफ़ानी कहर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************* जाने कैसा समय यह,नित्य नया तूफान।रे मानव अब भी समझ,मानो प्रकृति महान॥ मानो सत्ता प्रकृति की,तजो स्वार्थ मद मोह।मन निसर्ग विनती करो,विनत लक्ष्य आरोह॥…

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चलो लगाएँ वृक्ष हम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************** खुद जीवन का रिपु मनुज,खड़े मौत आगाज।बिन मौसम छायी घटा,वायु प्रदूषित आज॥ भागमभागी जिंदगी,बढ़ते चाहत बोझ।सड़क सिसकती जिंदगी,वाहन बढ़ते रोज॥ चकाचौंध उद्यौगिकी,नभ में फैला…

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माँ! सादर शत्-शत् नमन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************** माँ! सादर शत्-शत् नमन,मातृशक्ति अभिराम।ममता करुणा प्रेम रस,नीर क्षीर सुखधाम॥ माँ अम्बे जगदम्बिके,जननी जीवन छाँव।नेह नीर नयनाश्रु से,हरती जीवन घाव॥ माँ जीवन नव अरुणिमा,पा…

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धैर्य रखें-आगे बढ़ें

डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************* मिटे देश की आन पर,जाने कितने लोग।त्याग दिया उनने सभी सुख सुविधायें भोग॥ फैल रहाअब विश्व में, कोरोना का रोग।सब इससे भयभीत हैं,दुनियाभर के लोग॥ कोरोना से…

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ग्रीष्म

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** ग्रीष्म अवतरित हो रही,सूरज करता हास।अपनी परिमल छोड़कर,जाने को मधुमास॥ मैं बलशाली कह रहा,अधर भरे मुस्कान।अरे ग्रीष्म का राज है,सूरज को अभिमान॥ नींबू जल पीते रहो,अमृत है…

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माँ

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** भँवर बहुत ही गूढ़ है,नाव रही है डोल।ओ माँ शेरा वालिये,झट दरवाजे खोल॥ विपदा बड़ी विशाल है,भू है डाँवाडोल।नयन भर गये नीर से,माँ दरवाजे खोल॥ बड़ी गहन,माँ…

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