फूल और शूल

हरीश बिष्ट अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) ******************************************************************************** फूल बन खिले रहो कांटों संग मिले रहो, खूशबू से मिल सारा जग महकाइये। काँटों का न छोड़े साथ फूलों की है अच्छी बात, अपनों…

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प्रेमआँसू सप्तक

  अनुपम आलोक उन्नाव(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** कुछ आँसू पीड़ा जनित,कुछ में हर्ष अपार। कुछ में राधा की विरह,कुछ कान्हा का प्यारll कुछ आँसू में दिख रहा,मीरा का विश्वास। कुछ आँसू कातर…

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रहे चतुर्दिक् चौकसी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** करते सब दकियानुसी,छिपा मनसि है चोर। छल कपटी नेता प्रजा,दे फ़साद झकझोर॥ जले शान्ति धन सम्पदा,उजड़े वतन सुजान। देशद्रोह ज्वालामुखी,महाज्वाल शैतान॥ लोभी लुच्चा…

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सूरज आया इक नया

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** सूरज आया इक नया,गाने मंगल गीतl प्रियवर अब दिल में सजे,केवल नूतन जीतll उसकी ही बस हार है,जो माना है हारl साहस वाले का…

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सहारा

मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** इष्ट कृपा सबको मिले,मन में रख विश्वास। जीवन में श्री नाथ ही,बनें सहारा खासll मात-पिता ही जन्म दे,पकड़े हाथ चलाय। बने सहारा पुत्र का,सारे फर्ज निभायll…

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लानत है नेतागिरी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** आहत है मेरी कलम,गद्दारों को देख। खंडन को नेता तुले,देश दुखी क्या लेखll आज बहुत तारक वतन,हैं कहँ तारकनाथ। तोड़ रहे अपने वतन,कहाँ…

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कैसा मानव अधिकार

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** पुलिस सिपाही चुप रहें, कैसा भारत यार। पत्थरबाजी हो गया, मानव का अधिकार॥ अरे सिपाही की यहां, सुनता कौन‌ पुकार। पत्थरबाजों के लिये, बने सभी…

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अहंकार करना नहीं

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** चन्दन- चन्दन माथे साज के,पंडित बने महान। ढोंगी पाखण्डी बने,देखो तो इंसान॥ अग्निपथ- वीर चले हैं अग्निपथ,होने को बलिदान। भारत की रक्षा किये,देखो…

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समर्पण

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* त्याग समर्पण कीजिए,मातृभूमि हित मान। देश बचे माँ भारती,भली शहादत शान॥ करें समर्पण देशहित,निज के गर्व गुमान। देश आन अरु शान है,हो इसका सम्मान॥ मानव हूँ…

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देश तोड़ने पर तुले

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** घृणा द्वेष अफवाह फिर,गर्माया बाज़ार। अमन चैन आवाम फिर,लड़ने को तैयारll संविधान के नाम पर,वोटतंत्र का खेल। गलबहियाँ फिर स्वार्थ की,शुरु हुआ गठमेलll…

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