करो शमन शीतार्त जन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************** सिहरन ठिठुरन सर्द तनु,बाल जरा युववृन्द।रविदर्शन ढँक कोहरा,कहाँ खिले अरविन्दll पड़ी कड़ाके ठंड अब,पहन ऊन गणवेश।हाड़ रार कर ठंड अब,शीताकुल उपवेशll लावारिस बिन गेह के,सड़कछाप बिन वस्त्र।ठिठुर गात्र कवलित मरण,बिन घायल ही शस्त्रll निर्दयता है चरम पर,सात दशक जनतंत्र।ठिठुर रही आधी प्रजा,गज़ब तंत्र का मंत्रll है सुषुप्त संवेदना,सुख सत्ता … Read more

देना उजियारा सदा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* सूर्यदेव को पूजता,देखो सकल जहान।देना उजियारा सदा,रखना सबकी आनll हे भगवन् तुम तेजमय,देते हो नित ताप।कौन तुम्हारे वेग,बल,को पाया है मापll प्राची में उगकर सदा,देते हो आलोक।पूजन-अर्चन-वंदना,करे आपकी लोकll छठ माता ले आ गईं,एक बड़ा त्यौहार।धूम-धड़ाका हो रहा,उत्साहित संसारll राग-रंग,मेला,खुशी,मस्ती बिखरी,हर्ष।छठ माता हम पूजते,सूरज सँग प्रतिवर्षll अस्ताचल हो,फिर उगा,पाये सूरज … Read more

महँगाई की मार

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* महँगाई की मार से,हर जन है बेहाल।निर्धन भूखा सो रहा,मिले न रोटी दाल॥ महँगाई डसती सदा,निर्धन को दिन-रात।पैसा जिसके पास है,होती उसकी बात॥ महँगाई में हो गया,गीला आटा-दाल।पूँछे कौन गरीब को,जिसका है बेहाल॥ सुरसा के मुख-सी बढ़े,महँगाई की मार।देखो तो चारों तरफ,होता हाहा-कार॥ महँगी हर इक चीज है,बढ़े हुए है भाव।डर … Read more

बने दीप मुस्कान

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** दीप जले सुख सम्पदा,बने दीप मुस्कान।जले दीप भारत चमन,जले दीप बलिदानll जले दीप परमार्थ का,जले दीप गणतंत्र।संविधान दीपक जले,संघ शक्ति हो मंत्रll सज दीपों की आवली,ज्योतिर्मय संसार।प्रेम त्याग सत् न्याय पथ,मानवता उपहारll भेद भाव छल घृणा मन,लोभ शोक सब मोह।जले दीप सब पाप जग,अरुण प्रीत आरोहll बनूँ मीत का … Read more

बन जाओ अनमोल

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* ग़म है,पीड़ा,है व्यथा,पर है सुख भी साथ।जो जैसा चिंतन करे,आता वैसा हाथ॥ खुशियाँ मिलती हैं बहुत,तकलीफ़ें भी संग।जीवन के दो रूप हैं,होते हैं दो रंग॥ वैसे जीवन को कठिन,माने है इनसान।कभी-कभी यह सत्य है,पर जीवन वरदान॥ जीवन का निर्माण कर,मानव बने महान।तप जाए जब आग में,तब मानव भगवान॥ जीवन के … Read more

कृष्णामृत

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)************************************************ आँखों में छवि आपकी,हे प्रभु कृपा निधान।दुख-भंजन दुख टारिये,हम बालक नादान॥ कृष्ण बजाये बाँसुरी,मुख पर सुन्दर साज।मधुवन नाचे राधिका,गोपिन की सरताज॥ भोली-भाली राधिका,कृष्ण प्रेम बँध आय।मधुबन घूमे संग में,मंद-मंद मुस्काय॥ मोहन की छवि चित्त में,रख अपने वो पास।पिया-पिया रटने लगी,राधा हुई उदास॥ श्यामल मोहन रूप तो,राधा गोरी रंग।रास रचा ब्रजधाम … Read more

दीप पर्व

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************************* दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष….. दीप कर रहे वंदना,सदा रहे उजियार।हर घर नित खुशहाल हो,दूर भगे अँधियार॥ दहरी पर आकर रमा,करती रहीं पुकार।पर गृहस्वामी ने नहीं,किया उचित सत्कार॥ रोशन है बस्ती,नगर,आलोकित हर गाँव।उल्लासों के संग ही,पाता है सुख ठाँव॥ है गृहलक्ष्मी पूज्या,सम्मानित हर नार।अंतर के आनंद से,जगमग है संसार॥ घर में … Read more

कर्म सदा करते रहो

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) *************************************************** कर्म बनाये भाग्य को,कर्म सभी का मूल।दोष भाग्य को देत हैं,यही मनुज की भूल॥ भाग्य भरोसे बैठकर,कभी न सोचो व्यर्थ।कर्म सदा करते रहो,यह जीवन का अर्थ॥ जीवन कर्म प्रधान है,करता जो सत्कर्म।उसका भाग्य बुलंद हो,जीवन का यह मर्म॥ सुख-दु:ख मिलते भाग्य से,विधि का यही विधान।भाग्य बना है कर्म से,कर्म दिलाये मान॥ … Read more

मधुरिम हो सम्बन्ध

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** मधुरिम रिश्ते नित सुखद,हैं जीवन वरदान।अति कोमल नाजुक सतत,निर्भर नित सम्मान॥ निर्भर हो रिश्ते मधुर,त्याग शील परमार्थ।लघुतर जीवन तब सफल,रिश्ते हो बिन स्वार्थ॥ घर-बाहर समाज हो,चाहे देश-विदेश।आपस के व्यवहार पर,रहते रिश्ते शेष॥ रिश्ते हैं अनमोल धन,मधुरामृत उपहार।सखा सहोदर पूत सम,जीवन का आधार॥ नीति-रीति नित प्रीति पथ,रिश्ते चले अघात।सरल सहज … Read more

माँग रही वरदान

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)*********************************************** पावन कार्तिक मास के,कृष्ण पक्ष की चौथ।सुहागिनें रखती सभी,शुभ व्रत करवाचौथll करती करवाचौथ व्रत,माँग रही सौगात।माँ गौरा कर दो कृपा,अमर रहे अहिवातll सजी सुहागन जोहती,नभ में शशि की बाट।अर्घ्य चंद्र को दे करें,दर्शन पिया ललाटll पति के प्रति निष्ठा दिखे,तब शुभ करवा पर्व।धन्य सुहागन ‘शिव’ वही,जिनको पति पर गर्वll व्रत रख … Read more