निराला जीवन

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** निराले हम,हर घड़ी में हॅंसेराहें हैं तकी। ये संसार जो,बदलता चेहरामन है प्यारा। जीवन धुनें,मंद हैं कभी तीखीहैं ये मधुर। मेरा जीवन,धूप-संग चलताहृदय जागे। रंगी जीवन,सपने का छोर है,फिर भी आशा। पगों में रंग,कोई फीका है तेज,हसीन दिन। बहते हम,अदृश्य हैं ये धारें,फिर भी हँसे। चन्द्र हसीन,मेघों-सा बदलताजीवन हसीं। साँसों की गूँज,कभी … Read more

धरा श्यामल भई

सरोज प्रजापति ‘सरोज’मंडी (हिमाचल प्रदेश)*********************************************** वसुंधरा शुष्क हुई, श्यामल ओढ़नी धरी,रूखी, हरियाली खोई, मैली बे-रंग हुई। हिम जाड़ा सांय-सांय, कीटक गजब ढाए,हेमंत राह चेताए, शरदंत वंदना। उल्लसित ऋतु प्रिय, उमंग सुहानी भए,ताप निंदित आदित्य, प्राणी चैतन्य भरे। कनक हरित धरा,अनावृत मणि धरा,अपार गुंजन धरा, सौरभ दिलकुशा। अदब हिम आतप, गज़ब हिम आतप,अलसाई हिम सर्वत्र, विलक्षणता … Read more

जीवन और प्रकृति

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* घाट-घाट नीर वायु, शीत प्रीत रहती थी,प्राकृतिक शीतलता, वादियाँ सजाती थीं। मानवीय स्वार्थ बने, मिट गए दृश्य सभी,नीर बिन बहा करे, दिखाती रेत नदी। सूर्य किरण से दिखे,नीर सतह स्वर्ण सी,चन्द्र किरण से वही, दिखे है रजत सी। स्वर्ण रजत एक ही, सतह पे दिखा किए,फर्क भोर रात भर, के … Read more

कार्तिक पूर्णिमा

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** गंगा तट स्नान ध्यान,करो सब दीप दान,कार्तिक मास पूर्णिमा,तीर्थ कर आइए। बड़ा ही पुनीत पर्व,हर्ष में हैं भक्त सर्व,शिव,विष्णु ध्यान कर,मंगल-गीत गाइए। त्रिपुरासुर राक्षस,बना सबका भक्षक,शिव जी ने किया वध,भोलेनाथ ध्याइए। नानक जन्म-दिवस,प्रथम गुरु बड़े सरस,गुरु ग्रंथ की रचना,तमस हराइए।

ख्याल बुरा नहीं

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** मत करो किसी की चिंता,अपनी मस्ती मेंमस्त रहो,किसी से कुछ न कहोख्याल बुरा नहीं। कहाँ बदलेगा जमाना,तुम खुद ही बदल जाओयही मन को समझाओ,ख्याल बुरा नहीं। हम प्यार करते रहे,वे किसी और के हो गएबेवफा को माफ कर दे,ख्याल बुरा नहीं है। माफ कर दो सबको,जिन्होंने गलती की है।जियो … Read more

विश्व विजेता भारतीय बेटियाँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* विश्व क्रिकेट के व्योम क्षितिज पर, विजय पताका लहरायी है,बेटियाँ बनी परवाज़ भारती, महिला क्रिकेट जय पायी हैबनी खिलाड़ी भारत बेटी रनों का है अम्बार लगायी,महिला क्रिकेट सुनहर अतीत लिख भारत शान बढ़ायी है। अथक प्रयासों का प्रतिफल शुभ प्रथम बार विजय दिलायी है,गौरवमयी गाथा क्रिकेट जग भारत महिला … Read more

मधुर मिलन

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** मधुर मिलन का शुभ दिन आयानव किसलय उपवन मुस्काया,धरा गगन का क्षितिज मिलन यहमुग्ध नयन किस पथ से आया। मृदु सुकुमार हृदय के सपनेसुधि से सुरभित किसी केअपने,मुग्ध पवन तू ले चल उस पथ धरा गगन जहाँ लगे हैं मिलने। शत वल्लरियाँ नत मस्तक हैंपुष्पों पर मधुकर गुंजन है,इन्द्रधनुष चितवन के ये … Read more

मिले मोक्ष

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* पावन कार्तिक पूर्णिमा, जन्मदिन कार्तिकेय।शिव नंदन गिरिजा तनय, तारकसुर वध धेय॥ कार्तिकेय के नाम पर, रचना कार्तिक मास।विष्णु नारायण रूप में, करे शयन जलवास॥ देव उठनी मास यह, एकादशी महान।तुलसी वैवाहिक दिवस, मिले मोक्ष वरदान॥ पावन गंगाजल सरित, जो करे भक्ति स्नान।मिटे रोग मन शोक सब, मिले सुखद सम्मान॥ … Read more

ठहरता नहीं वक़्त

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ वक़्त चल रहा अपनी चाल,हर समय हर प्रहर हर घड़ीउसने चलना ही सिखाया हमें,क्योंकि वक़्त ठहरता नहीं किसी के लिए। संसार की इस जीवित सोच को,इंसान कभी नहीं देखता हैअगर वह नहीं चलेगा वक़्त के साथ,तो खत्म हो जाएगा सब कुछक्योंकि वक्त ठहरता नहीं किसी के लिए। ज़िन्दगी के इन … Read more

अंदर से खाली क्यों ?

बबीता प्रजापति झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** खुश बाहर से हो,अंदर से क्यों खाली ?क्या तुमने भी भाग-भाग कर,जीवन की दौड़ लगा ली…। ये अंतस की वेदना,और दु:ख सारे सहनाक्या विजय खुद पर पा ली!यदि नहीं तोचहुँ ओर देखो,सूखे वृक्ष पर छाई पुनः हरियाली…। स्थाई क्या रहा है जीवन में,मुरझाए फूल खिले उपवन मेंदु:ख आया फिर सुख आएगा,जीवन की … Read more