रातभर
सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* नींद आई न मुझको यूँ तेरे बिना, करवटें मैं बदलती रही रातभर। आसमां भी झुक के आता है देखो, धरा से मिलन को यहाँ…
सुलोचना परमार ‘उत्तरांचली देहरादून( उत्तराखंड) ******************************************************* नींद आई न मुझको यूँ तेरे बिना, करवटें मैं बदलती रही रातभर। आसमां भी झुक के आता है देखो, धरा से मिलन को यहाँ…
छगन लाल गर्ग “विज्ञ” आबू रोड (राजस्थान) **************************************************************************** दिव्य लोक की राह में,रश्मि पुंज के मंत्र। महावीर क्षण साधना,जीवनभर का तंत्र॥ अरिहंतों को नमन है,सिद्धजन नमस्कार। साधक संतों नमन है,कृपा…
लालचन्द्र यादव आम्बेडकर नगर(उत्तर प्रदेश) *********************************************************************** आज यहां क्या लोकतन्त्र है! कुछ कहने की बात नहीं है। जो जितना पाये ले जाये, मुझे कोई आघात नहीं है। किसी को मिलता…
अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** नजर का वार दिल पर कर गया है। नयन की मार से वह मर गया है। जिसे देखा नहीं हमने नजर भर, उसी से…
केवरा यदु ‘मीरा’ राजिम(छत्तीसगढ़) ******************************************************************* शाम सुहानी आ गई,पंछी करते शोर। लौट रहे हैं नीड़ को,बाँध प्रीत की डोरll बैलों की घंटी बजे,जस वृन्दाबन धाम। ग्वालों की टोली लगे,संग श्याम…
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ************************************************ भावना और भाव, दोनों में अंतर हैl प्यार और प्यास, दोनों आपस में क्या एक-दूसरे के पूरक हैं ! मैं कुछ समझा, और न समझा। मुझे…
डॉ.जियाउर रहमान जाफरी नालंदा (बिहार) *********************************************************************** चली गिलहरी कवि सम्मेलन में एक कविता पढ़ने, थी इच्छा सम्मान की इतनी लगी रातभर रटनेl आई जैसे ही माइक पर भूल गई वो…
रश्मि लता मिश्रा बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ****************************************************************** भंडार अन्नपूर्णा का बढ़ाएं, खेतों से काट फसलें जमा करता है खलिहान, कोटि-कोटि जनता का अन्नदाता है मगर अपने ही घर में, सिसकता किसान...,सिसकता…
सारिका त्रिपाठी लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* यूँ ही बिन मौसम की बरसातें मेरी छत पर टप-टप करती बूंदें जहन में जाने कैसी हुलस-सी, जब भर जाती हैं मुझे तुम याद आते हो...।…
अजय जैन ‘विकल्प इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************* कीजिए मिलकर प्रेम से,खूब मतदान, बनेगा इसी से अपना भारत देश महान। बेहतर भविष्य चाहिए, 'मत' दे आईए, नेताओं को समझिए,देशहित सोचिए। बदलाव लाना है…