गौरव हमारे सैनिक

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* शूरवीर भारतीय सेना (विजय दिवस विशेष)…. नींद तिरंगे में बसती है,सीमा पर जो सोते नहींहम चैन की नींद ले पाते हैं,क्योंकि जागते हैं वो हर घड़ी। कभी बर्फ पर आशियाना,कभी तपता हुआ रेगिस्तानहर मौसम और हर हाल में,अडिग रहा उनका स्वाभिमान। माँ की ममता घर का आँगन,सपने सुहाने स्नेह का बंधनसब-कुछ पीछे … Read more

घना कुहरा, जीवन ठहरा

आचार्य संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )****************************************************** एनसीआर-राजधानी में घना था कुहरा धुँध,ठंडे में सन्नाटा पसरा, प्रदूषित ओस की बूँदतेज रफ्तार थे ट्रक, बस, कारें धुंध ने ली थी आँखें मूंद,एक्स्प्रेस-वे पर दुर्घटना हो गई लड़ी गाड़ियाँ अंधाधुंध। राजधानी एक्सप्रेस में मैं बैठा था आँखें हो गई कुंद,शीत लहर से सभी त्रस्त थे, खेल रहे थे … Read more

फिर अपनापन दिखाना भी बेकार

कुमारी ऋतंभरामुजफ्फरपुर (बिहार)************************************************ हर किसी से, बातें करना भी बेकार है।बेकार पास में बैठना भी बेकार है। शब्द से शब्द मिलते नहीं अगर,फिर तो बात बढ़ाना भी बेकार है। जो किसी के दर्द को मिटा ना सके,ऐसा रिश्ता निभाना भी बेकार है। साथ रहकर भी साथ ना समझ सके,फिर तो साथ बैठना भी बेकार है। … Read more

याद में ठहरे लोग

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* साल जा रहा देकर हमको न, याद में ठहरे लोग,भोले-भाले,साथ निभाते, भले-बुरे सब लोग। स्मृतियाँ कुछ मीठी होतीं, तो कुछ कड़वी होतीं,समय बीतता, पर यादों में, अज़ब-निराले लोग। अरमानों में रंग भरे हैं, तो कुछ अति फीके,हाथ मिलाते, नेह निभाते, प्रीति जताते लोग। कर्म-भाग्य ने मिलकर के ही, परिणामों को सौंपा,मित्र … Read more

अनोखा रिश्ता ‘पति-पत्नी’

गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** पति-पत्नी,एक बनाया गया रिश्तापहले कभी एक-दूसरे को देखा भी नहीं था,फिर सारी ज़िंदगी एक-दूसरे के साथ,पहले अपरिचित,फिर धीरे-धीरे होता परिचय…धीरे-धीरे होने वाला स्पर्श,फिर,नोक-झोंक… झगड़े …. बोलचाल बंद…कभी जिद… कभी अहम का भाव,फिर धीरे-धीरे बनती जाती प्रेम पुष्पों की मालाशर्त ये है कि कोई तीसरा इनके बीच कुचक्र षडयंत्र न रचे,फिर,एकजीवता… तृप्तता… … Read more

भारत के शूरवीर

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** शूरवीर भारतीय सेना (विजय दिवस विशेष)…. “पहले भारत, मैं बाद में”,यह शपथ हर समय दोहराता हैउन शूरवीरों को सलाम,तिरंगा जिनकी पहचान है। जिनकी पूजा है शहादत,जिससे सुरक्षित हिंदुस्तान हैजो हर समय कर्तव्य निभाते,गोली में देशभक्ति गीत सुनते हैं। मिट्टी की खुशबू, माँ ममता छोड़,सीमा पर मुस्कान सजाते हैं।जहां हिम शिखर की छाया … Read more

विजय गाथा

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ शूरवीर भारतीय सेना (विजय दिवस विशेष)… दुश्मनों का आत्मसमर्पण, हमारी सेना की कामयाबी के वह क्षणआज अतीत का वह शौर्य है वही,विजय गाथा बन हमारी नस-नस में दौड़ रहा है। जीत भारत की वह ऐसी थी,पूरी दुनिया जिसे देखती रह गईशहीद हुए हजारों जवान अपने देश पर,वही विजय गाथा, बन … Read more

करना तुम सपने साकार

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** कठिन डगर है धूप-छाँव हैहँसकर सब करना स्वीकार,चलते रहना नाम ज़िंदगीहरदम रहना तुम तैयार। गिरकर सदा सम्हलता है जोउसे सफलता का अधिकार,गिरती चींटी चलती रहतीहार नहीं करती स्वीकार। जीवन का उद्देश्य खोजनाकरना नित उसका विस्तार,टेढ़ी-मेढ़ी राह प्रगति कीकरते रहना सदा सुधार। मोहित करता सदा सुहाना,रंग-रंगीला यह संसार।लगन और संकल्प साथ ले,करना तुम … Read more

‘वन्दे मातरम्’ कहने पर ‘सुनामी’ ?

आचार्य संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )****************************************************** ‘वन्दे मातरम्’ की भाषावर्षों से हमने जानी है,स्मृति शेष शहीदों कीइसमें जुड़ी कहानी है,बंकिम दा की देशभक्ति में अमर कृत निशानी है,१५० वर्षों से जगाती‘वन्दे मातरम्’ रचना बड़ी पुरानी है। सब कहते हैं, गीतों के भावों मेंयुग-युग में युवा जोश जिस्मानी है,फांसी फंदे तक चूमे शहीदों कोयाद कराती उनकी … Read more

भूलें नहींं अतीत

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* भूलें नहीं अतीत को, पा सत्ता अधिकार।गति अद्भुत है वक़्त की, होता उपसंहार॥ वक्त सदा ही बदलता, बीत गया सो बीत।माना करवट समय का, भूलें नहीं अतीत॥ मानवीय सम्वेदना, अन्तर्मन सहयोग।भूलें नहीं अतीत को, ‘कोरोना’ सम रोग॥ सुख-दुख जग गमनागमन, कभी हार हो जीत।भूलें नहीं अतीत जन, कल का … Read more