सबकी सुनते श्री बालाजी

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** संवर जाता है,श्री बालाजी का मंदिरपुष्प की माला अर्पण से,पूजन सेभजन से,कथा श्रवण सेजब भक्ति भाव रमा हो मन में। नारियल, दीपक और अर्जीलगते जैसे वाहक हों श्री बालाजी केमन महकता,निखरता जाएजब लगी हो लगन श्री बालाजी से। अर्जी सुनी जाती,श्री बागेश्वर धाम मेंसमस्याओं को श्री बालाजी केचरणों में रख कर,विश्वास … Read more

अमिट पहचान बनाएँ

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ********************************************* चलो चलें पहचान बनाएँ,अपने लिए जीते हैं सभीदूसरों के हितों को सोंच,मानवता के वृक्ष लगाएँ। संसार में आते हैं असंख्य लोग,संसार से जाते हैं असंख्य लोगअपने लिए ही तो जीते हैं सभी,बिरले बनाते पहचान कभी-कभी। त्यागें संसार से जाने का डर,त्यागें स्वार्थ में जीने का घरमानव को मानव से जोड़ … Read more

पाई-पाई जोड़कर…

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* पाई-पाई जोड़कर जीवन की गाड़ी चलती,माता-पिता की मुट्ठी में देखो घर की दुनिया पलतीबचपन की मासूम ख्वाहिशें सपना बन मुस्कातीं,कभी किताबें, कभी खिलौने,कभी नए कपड़ों को नजरें ललचाती। पाई-पाई जोड़कर सपनों की बुनियाद रखी,अरमानों को ताक पर रख, घर की गाथा लिखीबच्चों को भरपेट खिलाकर माँ-बाप ने निवाला खाया,अपनी मेहनत के पसीने … Read more

सबका ही अच्छा करो

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सबका ही अच्छा करो, बुरा न सोचो अन्य।बढ़ो सदा पुरुषार्थ पथ, परमारथ गुण क्षम्य॥ लोभ क्षोभ मद कोप फँस, करे बुरा अविराम।नींद कलह हिंसा व्यसन, निरत दुखी बदनाम॥ करो नहींं विश्वास तुम, कही बात मुख अन्य।सुनी बात की जाँच हो, वरना पाप जघन्य॥ गन्दी बातें जो सुनी, फँसो नहीं … Read more

न जाने क्या बदला ?

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन (हिमाचल प्रदेश)***************************************************** वो बदल गए,समझ नहीं आयान जाने,क्या बदला है ? वक़्त के साथ,हर चीज बदलती हैपर तुम न बदल जाना,वक़्त के साथ। कली बदलकर,फूल बनती है।बच्चा युवा,बन जाता है। बदलना प्रगति,की निशानी हैज़िंदगी के आगे,बढ़ने की कहानी है। मौसम भी बदलता है,ख्याल भी बदलते हैंचुनाव जीतने के बाद,नेता भी बदलता … Read more

खिली चाँदनी रात

डॉ.एन.के. सेठी ‘नवल’बांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* खिली चाँदनी रात,चंद्रमा नभ में चमके।तिथी पूर्णिमा आज,धरा भी दम दम दमके॥चारों ओर उजास,तमस को दूर भगाए।धवल रश्मियाँ खूब,सुधा जग में बरसाए॥ देख पूर्णिमा चंद्र,शान्त मन हर्षित होता।अष्ट कला परिपूर्ण,कलानिधि तम को खोता॥शोभित शिव के भाल,मान ये पाता जग में।होकर के परिपूर्ण,प्रकाशित होता नभ में॥ परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय … Read more

नया जमाना, नया दौर

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ जो बीत गया सो बीत गया,छोड़ना होगा उस दौर कोहमें अपने-आप पर भरोसा है तो,यह नया जमाना है, नया दौर है। इसमें कहीं कोई भेदभाव नहीं है,वह मैत्री का भाव बना हुआ हैबढ़ रहा है हमारा अपना राष्ट्र,यह नया जमाना है, नया दौर है। चारों और हमने दिखा दी अपने … Read more

चलो पाठशाला, आया फिर सोमवार

कुमारी ऋतंभरामुजफ्फरपुर (बिहार)************************************************ बीत गया है रविवार,आया फिर से सोमवारहफ्तेभर की भागम-भागी,शहर हो या फिर हो गाँव की गलियाँमन में सपने लिए आँखों में मासूम चमक,आते हैं हम सब जब अपनी पाठशाला। पाठशाला जाने का उत्साह,शिक्षक-शिक्षिका साथ मिलतेबातें करते, साथ बैठ चाय की चुस्की हैं लेते,सब शिक्षक साथी आपस ही बैठ कर अपने-अपने बातें करते,बच्चे … Read more

जब साथ मिले अपनों का

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* जब साथ मिले अपनों का, पथ काँटों का भी फूल बने,हाथों में जब हाथ हो अपने, सपनों के दीप हजार तले। सुर गूँजे मन के भीतर, आँसू भी फिर मुस्कान बनें,हौसलों की नाव चले जब, तूफ़ान भी आसान बनें। जब साथ मिले अपनों का, धड़कन में सौ संगीत उतरें,साया … Read more

ख़्वाब करे रोशन

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* ख़्वाब आतेबहार बनकर प्यारे,ख़्वाब करे रोशनकभी पास,कभी दूर राह सारेमानोंतब्बसुम की खिदमत,करें नभ के सितारे। कभी ख़्वाब,पलकों पे नमी हमारेनींद की दुनिया,लाए ख़्वाबसौगात प्यारे। ख़्वाब दिखाते हैंनये इरादे,जो बन जाएखुली आँखों मेंज़िंदगी की राह हमारे। मस्तिष्क के तंतुओं मेंझंकार सी हैं,मन का पंछीउड़ता है पंख पसारे। ख़्वाब कभी सचकभी झूठ … Read more