अनोखा रिश्ता ‘पति-पत्नी’
गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** पति-पत्नी,एक बनाया गया रिश्तापहले कभी एक-दूसरे को देखा भी नहीं था,फिर सारी ज़िंदगी एक-दूसरे के साथ,पहले अपरिचित,फिर धीरे-धीरे होता परिचय…धीरे-धीरे होने वाला स्पर्श,फिर,नोक-झोंक… झगड़े …. बोलचाल बंद…कभी जिद… कभी अहम का भाव,फिर धीरे-धीरे बनती जाती प्रेम पुष्पों की मालाशर्त ये है कि कोई तीसरा इनके बीच कुचक्र षडयंत्र न रचे,फिर,एकजीवता… तृप्तता… … Read more