यादें

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* यादें, आसमान से उतरी एक रात, ठहर गयी बोझिल पलकों पे। शुरू हुआ सफ़र तेरी याद की यादों का, लम्हा-लम्हा बहता गया, शुष्क आँखों से…

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युद्ध भी जरुरी है

गोलू सिंह रोहतास(बिहार) ************************************************************** हे प्रिय! हृदय से कहना-क्या सत्य स्वभाव से सीधे हो ? या हे प्रिय! भीष्म की ही तरह तुम भी दु:ख के बाणों से बिधे हो…

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डर के आगे जीत

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** एक दिवस मैं नदी किनारे बैठ पेड़ की छाॅंव तले, एक अकेला सुस्ताता था धुँधलाई-सी शाम ढले। देख रहा था ढलता सूरज अपने में खोया-खोया,…

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नारी शक्ति

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** नारी जीवन दायिनी,नारी से संसार। नारी से घर द्वार है,नारी मूरत प्यार॥ नारी मूरत प्यार,सजा रख दिल में अपने। शक्ति बिना नहिं होय,कभी…

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विवाह

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* सृष्टि से पहले न मानव था न जीव, किसने जाना कैसे जन्म हो मानव का॥ किसने जानी प्रीत ? कौन किससे प्रेम करे,किसको…

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दीपक

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** हे दीपक! जलते रहना तू निरन्तर, हवाओं से डटना तू होकर निडर। संसार के अंधेरे को मिटाना है तुझे, जग में सोए हुए को जगाना है…

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चुनावी महासंग्राम

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’ धनबाद (झारखण्ड)  ************************************************************************** आ गया है देखो चुनावी महासंग्राम, साफ कर दिल को खोलो ज्ञान का धाम देखो करनी उनकी सुबह हो या शाम, दिलो-दिमाग से…

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शिक्षा देती संस्कार

आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) *********************************************- युवा आएंगे जब, शिक्षा के करीब तब एक नहीं...सात, पीढ़ी का बनेगा नसीबl कोई युवती उसे नहीं, लगेगी वस्तु और माल कहावत में भी नारी…

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इंसान बनिए

भोला सिंह बलिया(उत्तरप्रदेश)  ***************************************** इंसान हैं,इंसान बनिए, दीन-दुखियों की जीवनधार बनिए अपनों के बीच से उठकर, देश के लिए कर्णधार बनिएl इंसान हैं,इंसान बनिए... अपनों का सब द्वेष भुलाकर, प्रेम-सदभाव…

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जंग-ए-हयात

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** कोई न मुकाबिल तुम्हारे,मगर तुम कम न कभी आँकना, सबके जुदा फन हैं,फनकार हो तुम,खुद को तभी आँकना। कोई न मुकाबिल... सबकी जुदा…

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