तंत्र भी अब भ्रष्ट सारा
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** बिन मिलावट भोज भी पचता नहीं।जीने का इसके बिना रस्ता नहीं। झूठ का ही दबदबा है हर जगह,सत्य का अब राज है चलता नहीं। हर तरफ़…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** बिन मिलावट भोज भी पचता नहीं।जीने का इसके बिना रस्ता नहीं। झूठ का ही दबदबा है हर जगह,सत्य का अब राज है चलता नहीं। हर तरफ़…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** हालात ऐसे हो गये सुनता नहीं कोई,सपने भलाई के भी तो बुनता नहीं कोई। काँधे किसी भी और के रख दागता गोली,खुद सामने जाकर के क्यों…
डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** मन की कई बातें सखी कहते नहीं।अपने-पराये की कभी सहते नहीं॥ सब पर नहीं होता असर इस पीर का।सबको सुना कर अश्रु अब बहते नहीं॥ लगता समय संवेदना…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** देख सजन मैं प्रीत गूँथ रहीचौथ चाँद के छाँव में,मुझे बाँहों का हार पहनाइन तारों के गाँव में…। लाल मेंहदी लाल चुनरियालाली मोती के टीके,लाली रचाए लाल…
डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** कहें सबसे सुगम हिन्दी सभी को देख भाती है।सदा तुलसी महादेवी सरिस का मान पाती है॥ युगों से देख हिन्दी ही रही साहित्य की भाषा।कभी कविता, कहानी बन…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)***************************************** विघ्नहर्ता गजानंद विशेष….. विघ्नहर्ता श्री गणेशा, देव तुम संसार के।लाज तेरे हाथ में अब, दीन हम लाचार के॥ प्रार्थना स्वीकार करना, हे गजानन दास हम।भक्ति…
डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** भार यह सारे मनुज को ही उठाना चाहिए।हाथ भी अब तो नशे पर ना लगाना चाहिए॥ यह बुरी, कहते सभी हैं लोग दुनिया में बड़े।तोड़ती घर भी यही,…
डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) *************************************** आज विपद्रव का कहर, भुगत रहा इंसान।देख रहा भगवान है, मत कर तू अभिमान॥ छेड़छाड़ तू प्रकृति से, करता बारंबार।देख रहा तू आज है, अपना यह…
डॉ. अनिल कुमार बाजपेयीजबलपुर (मध्यप्रदेश)*********************************** गीत की माला अधर पर, हाथ में माँ फूल है,गा रहा हूँ गीत तेरे, हृदय में पर शूल हैबस करूँ सेवा तुम्हारी, ये हमें वरदान…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** अपने छोटे से जीवन में क्या खोया क्या पाया हमने,नहीं किया गर अच्छा कुछ भी जीवन व्यर्थ गँवाया हमने। टूट रहे संबंध सभी भाई भाई को…