बस वो बातें लिखता हूँ…

कुँवर बेचैन सदाबहार प्रतापगढ़ (राजस्थान) ********************************************************************** मुझे शब्दों की ज्यादा समझ नहीं, मैं मन का मैल लिखता हूँ, जो हो रहा,या हो गया! मैं उसकी बातें करता हूँ। ना ग़ालिब…

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खुशियों का जन्म

मीरा जैन उज्जैन(मध्यप्रदेश) ********************************************************** अरमानों की आतिशबाजी में, हमेशा होती है खुशियों की दावत गर खड़े हो ईश्वर सामने तो, एक खुशी की चाहत में करते हैं सैकड़ों बार इबादत।…

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नव वर्ष

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* नया वर्ष है नया दिवस है, नया गगन है,नई धरा है। नया चंद्र है,नई चंद्रिका, नवीन नक्षत्र,नव निशा है॥ नवीन गायन नवीन लय है, नई…

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कभी सोचा है…

श्रीकांत मनोहरलाल जोशी ‘घुंघरू’ मुम्बई (महाराष्ट्र) *************************************************************************** कभी सोचा है ये शायरी कैसे बनाता हूँ, तुझपे लिखी शायरी तुझको सुनाता हूँ। तुझसे बातें होते ही सुकूं मिलता है दिल को, तुझे…

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ओस की बूँदें

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** धरती पर है ओस की,बूँदें देख हजार। मोती आभा हैं लिए,किरणों की बौछार॥ रात चाँदनी में दिखे,सुन्दरतम् मनुहार। दुग्ध धवल-सी ज्योत्सना,छाई छटा बहार॥…

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जाडे़ की धूप………..

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* जाड़े की गुनगुनाती, धूप की एक किरण, कैद करना हूँ चाहती अपनी मुट्ठी में। बंद दरवाजे खिड़कियों से झांकती, धीमे से छेड़ जाती…

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माँ रोज-रोज मरती है…

डॉ. वसुधा कामत बैलहोंगल(कर्नाटक) ******************************************************************* माँ तो माँ होती है, फिर भी पराया धन कहलाती है। रोज-रोज करती है, हँसते-हँसते सबकी सेवा सबके लिए जीती है। कभी इच्छा जताती नहीं,…

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उन्नीस-बीस

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** आओ मिलकर करें विदाई, हँसकर वर्ष उन्नीस की। स्वागत भी हो उसी धुन में, नव वर्ष इस बीस का॥ कर लें हम पूरे अपने कर्म,…

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बिन मौसम बरसात

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** बिन मौसम बरसात हो गई, बूंदों की बौछार हो गई बदली जग ने काया, मेरा मन हर्षाया...l थोड़ा-सा शरमाया...ll ठंडी-ठंडी पवन चले, हाय ये हमको सर्दी…

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गुरु वंदन

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* कृपा गुरुदेव की मुझ पर, मुझे किस बात की चिंता। चरण रज पा लिया मैंने, तो फिर किस बात की चिंता॥ मेरे खाने की,पीने की, मेरे…

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