अनुबंधों के सम्बन्धो में
सुबोध कुमार शर्मा शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* अनुबंधों के सम्बन्धों में,जाने कहाँ सम्बंध खो गये, अपने,अपने नहीं रहे अब,जाने क्यों प्रतिबन्ध हो गये। सुख-दु:ख था जीवन में फिर भी,सुखमय सबको लगता था,…