अनुबंधों के सम्बन्धो में

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* अनुबंधों के सम्बन्धों में,जाने कहाँ सम्बंध खो गये, अपने,अपने नहीं रहे अब,जाने क्यों प्रतिबन्ध हो गये। सुख-दु:ख था जीवन में फिर भी,सुखमय सबको लगता था,…

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पावन देश हमारा

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** पावन देश है हमारा, पावन देश है हमारा। तिरंगा लहर-लहर लहराए, भारत माँ का मन मुस्काए। पवन पंखा डोलाए, मेघ पानी पिलाए। सुंदर नदी का…

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वेणी

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** नारी वेणी से सजे,पावन है श्रृंगार। बाल कटाने की प्रथा,बंद करे संसारll बंद करे संसार,धर्म नहिं बाल कटाना। नारी शोभित केश,रूप को सब…

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हर हाथ में रहे तिरंगा

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* हर हाथ में रहे तिरंगा, इन्कलाब की बोली हो। मातृभूमि की पावन रज से, शोभित माथे रोली हो॥ भारत तेरे टुकड़े होंगे, कहते हैं जो चीख-चीख…

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मैं भारत का बच्चा

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** शब्जी हरी-हरी खाता हूँ,   दूध गाय का पीता हूँ। करता हूँ मैं योग भोर में, पढ़ता निशिदिन गीता हूँ॥      गउ,गंगा,गायत्री,गीता,  माँ हैं वेद…

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हमारा प्यार अमर होगा

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** आज प्यार का सफ़र अब हमसफ़र होगा। कल तक जो उधर था अब वो इधर होगा। रिश्तों का आँगन सज कर जहाँ रहेगा, वो हमारी दुनिया…

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बताऊं कैसे

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *************************************************************** दिल में लगी आग को बुझाऊं कैसे, मुझे तुमसे मुहब्बत है,कहो तुम्हें बताऊं कैसे। फिक्र करता हूँ तुम्हारी हद से ज्यादा, कहो तुम्हें ये…

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फिर कैसा अवकाश…!

कुँवर बेचैन सदाबहार प्रतापगढ़ (राजस्थान) ********************************************************************** इस शीतकालीन अवकाश पर, किसी जरूरतमंद की जिंदगी में थोड़ी-सी दुखों की छुट्टियाँ करें। जब घर में ही ना हो खुशी की आस, फिर…

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`सपने` मेरे अपने

डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* सपने तो सपने हैं, अच्छे-बुरे दोनों ही होते। कभी सुकून दे जाते,कभी दिल को बोझिल कर जाते। देखा था सपना बहुत बुरा, पत्नी…

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गांडीव तुम्हें उठाना होगा

सुनील चौरसिया ‘सावन’ काशी(उत्तरप्रदेश) *********************************************** हे अर्जुन! अब गांडीव तुम्हें उठाना होगा, दुश्मन को दम दिखाना होगा। करोगे कब तक `मन की बात`, सहोगे कब तक ये उत्पात श्वान शेर…

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