मतलब की यारी
दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* दुनिया में मतलब की है यारी,अपना मतलब सब पर भारीजिसमें चले ना कोई भी यारी,उसे कहते हैं सभी दुनियादारी। साधना हो जब अपना मतलब,सब…
दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* दुनिया में मतलब की है यारी,अपना मतलब सब पर भारीजिसमें चले ना कोई भी यारी,उसे कहते हैं सभी दुनियादारी। साधना हो जब अपना मतलब,सब…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ वर्तमान के विश्व पटल पर,अहिंसा का परचम लहराना हैवर्धमान के साथ आगे बढ़ते जाना है,प्रभु के उपदेशों को हमें जग में ले जाना है'जियो और…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** नगरी हो अयोध्या-सी,जहाँ राम का वास होघण्टियों, शंखों का जहाँ,सुमधुर ध्वनियों का नाद होमेरे राम सदा हृदय बसे,बस इतना-सा मीठा ख्वाब हो। ध्वज सदा लहराए,कीर्तन एकसाथ होमंगल…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** माँ की कृपा बड़ी निराली है,करो समर्पणफिर जिंदगी में खुशहाली है,भले ही माँ भूखी रह जाती हैमुझे आई तृप्ति की डकार से माँ संतुष्ट हो जाती है।…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** संस्कार तेरे ये फटे क्यों है,चहरे पे उलझी लटें क्यों है ? क्या बेच खाई शर्म-हया!मानवता के बीज घटे क्यों है ? अफसोस अभी तक ग़म नहीं,बीच…
कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* मन आज क्यों ? विचलित हो उठा,रह-रह कर मन क्यों ? मचल उठा। न जाने क्यों ? लगता है कुछ ऐसा,जीवन बदल-सा गया हो जैसा। जब…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** सागर से सटा यह देश निराला, अनूठी यहाँ की व्यवस्था हैऊँची-ऊँची अटलियाँ हैं यहाँ की, फर्शित हर एक रस्ता है। ७३४.३ वर्ग किमी है दायरा इसका,…
दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* धीरे-धीरे रजनी चली गई,भोर हुई, तब ऊषा आई। मुर्गा बोलता है कुकड़ू कूं,रवि रश्मियाँ दिखने लगीं। कौआ बोलता काँव-काँव,पनिहारिन दिखे ठाँव-ठाँव। हो गई है…
डॉ. गायत्री शर्मा’प्रीत’इन्दौर (मध्यप्रदेश )******************************************* अक्सर देखा करती थी,क्या वह सपना मेरा सच होगा ?आखिर वह पल कब आएगा, प्रेममयी यह जग होगा। स्नेह की एक डोरी से बँधकर,आगे बढ़ते…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ प्रभु राम का अवतरण,हमारी आस्था व विश्वास का पक्षधर हैवह राम ही तो है जो कण- कण में है,वह राम ही तो है जो हमारे…