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परचम लहराना है

हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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वर्तमान के विश्व पटल पर,
अहिंसा का परचम लहराना है
वर्धमान के साथ आगे बढ़ते जाना है,
प्रभु के उपदेशों को हमें जग में ले जाना है
‘जियो और जीने दो’ का संदेश घर-घर में पहुँचाना है,
हिंसा, पाप, क्रोध, माया, लोभ ने हमें घेरे रखा है
महावीर प्रभु की वाणी से इन सभी कषायों को मिटाना है।
वर्तमान के विश्व पटल पर…

वीर हैं वह, अतिवीर कहलाते हैं,
वर्धमान सन्मति महावीर बन जाते हैं
जीव-दया के भव वह बतलाते हैं,
अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य क्षमा से आत्मकल्याण करते हैं
हमको सदमार्ग पर चलते जाना है।
वर्तमान के विश्व पटल पर,
अहिंसा का परचम लहराना है
वर्धमान के साथ आगे बढ़ते जाना है॥