चुनाव:भाषा का संयम-मर्यादा और चिंतन जरूरी

ललित गर्ग दिल्ली************************************** लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं, कई नेताओं की ज़ुबान फिसलती जा रही है। वे राजनीति से इतर नेताओं की निजी ज़िंदगी में तांक-झांक वाले,…

Comments Off on चुनाव:भाषा का संयम-मर्यादा और चिंतन जरूरी

वतन हमारा

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** भारत वतन हमारा,प्राणों से अधिक प्यारासिर पर मुकुट हिमालय,बहती है गंग धारा। पग धो रही है माँ का,अपने पुनीत जल सेहिंद महासागर,की शुद्ध निर्मल धारा। भाषा अनेक…

Comments Off on वतन हमारा

दुनिया एक रंगमंच

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* दुनिया एक रंगमंच है,हम सभी कलाकार हैं। ये जिंदगी एक नाटक है,हम सब उसके किरदार हैं। सबका रोल एक-सा होता नहीं,कोई किसी की नकल…

Comments Off on दुनिया एक रंगमंच

रंगों का मधुमास

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* रंगों का मधुमास फागुनी, होली का त्यौहार मनानाहोली पूर्णिमा पावन उत्सव, श्वेत रंग मन धवल बनाना। मानवतावादी चिन्तन मन,रंग रंगीला फाग बनानातन को नहीं…

Comments Off on रंगों का मधुमास

तरुणा

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** प्यार एक सीमित रेखा है,तरुणा उम्र का आकर्षण हैतपस्या प्रेम की,विश्वामित्र नहीं जो भंग ना होसब अपनी-अपनी जगह सही। हौंसला ना हो तो,प्रेम टूटाजैसे टूटता है तारा,और…

Comments Off on तरुणा

कभी-कभी मन करता है…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** पँख मेरे हों मैं भी उडूँ, कभी-कभी मन करता है,मुझसे विलग मुझको करूँ, कभी-कभी मन करता है। मैं अपूर्ण या पूर्ण पिंड हूँ, इच्छा तन या मन…

Comments Off on कभी-कभी मन करता है…

मैं रंगों का त्यौहार…

डॉ.अनुज प्रभातअररिया ( बिहार )**************************** होली विशेष... कहती होली-मैं, रंगों का त्योहार,मेरी खूबसूरती बेमिसालरंग देती मैं सबके चेहरे को,बनके अबीर-गुलालमैं, होली रंगों का त्योहार। नाज़-नखरे,मान-मनौव्वलयह मेरा उदगार,'बुरा न मानो' कहते…

Comments Off on मैं रंगों का त्यौहार…

जोश से मनाओ त्यौहार

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** होली विशेष.... रंजिशें जो थी बरस में,वह मिटाने आ गयाहोली का त्यौहार देखो,रंग लेकर आ गया। बड़ा ही सुहावन यह,भावमय त्यौहार हैघर, नगर और गाँव बस,उल्लास ही…

Comments Off on जोश से मनाओ त्यौहार

ऐसी होली खेलो यार

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** होली विशेष.... ऐसी होली खेलो यार,कि मिल जाए हमको सबका प्यारयह मानव जीवन की थाती है, यही है जीवन का अधिकार।ऐसी होली… जोड़ना धन-दौलत और प्रतिष्ठा,है…

Comments Off on ऐसी होली खेलो यार

अपना घोंसला

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* तिनका-तिनका जोड़कर हमने,अपना घोंसला बनाया है। दिनभर चुगते हैं हम दाना- पानी,रात का बसेरा बनाया है। नहीं पढ़ी है कोई इंजीनियरिंग,अपनी चोंच से बनाया…

Comments Off on अपना घोंसला