चंदा मामा क्यों…?
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** एक दिवस बिटिया ने पूछा-अम्मा मुझको आज बताओ,चंदा मामा क्यों कहते हैं ?मुझको यह संबंध बताओ। चंदा चाचा, चंदा ताऊ,चंदा भाई क्यों नहीं कहते ?क्यों चंदा को…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** एक दिवस बिटिया ने पूछा-अम्मा मुझको आज बताओ,चंदा मामा क्यों कहते हैं ?मुझको यह संबंध बताओ। चंदा चाचा, चंदा ताऊ,चंदा भाई क्यों नहीं कहते ?क्यों चंदा को…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ************************************************************* जीवन के तीसरे पड़ाव में,अब तो सहर्ष सत्कर्म करोइधर-उधर बातें करने वालों,देखो अब तो कुछ शर्म करो। दूसरे की कमियाँ गिनने वालों,अपने कर्म का भी…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** ऊँचे शिखर से निकली नदियाँ,कहां सागर से पहले रुकती हैं ?लाख दीवारों से रोके चाहे कोई,वे डैम फांदती हैं न कि झुकती हैं। कौन बनाता है…
प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************** रे मन शिव-शंभू बोले कभी तेज कभी हौले,शिव का नाम सुन-सुन के जियरा मोरा डोले। उस भक्त पर शिव जी शीघ्र ही प्रसन्न हों,दु:खों…
हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ टूटते हैं सपने,ना जाने कहाँ चले जाते हैं अपनेरोते हैं हम दिन-रात,फिर भी नहीं आते हैं अपने। हर चेहरे पर नजरों की चाह ढूंढते हैं,तेरी…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर (मध्यप्रदेश)******************************** फसल भरपूर हुई,वैशाखी आईखुशियों की सौगात लाई,वैशाखी आई। करे भांगड़ा हर कोई,वैशाखी आईत्यौहार की बढ़ी शान,वैशाखी आई। उत्साह उमंग के द्वार खोलने,वैशाखी आईदिलदार-मालदार बनाने,वैशाखी आई। दूर…
संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)****************************** उम्र के इस मोड़ पर आज जब पीछे मुड़ कर मैं देखता हूँ,बचपन की सुहानी यादों के पंछियों को चहकता पाता हूँ। कितनी-कितनी यादों के पंछी…
सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** अंजनी कुमार हनुमान सदा प्रिय राम दुलारे,महावीर बलवान सदा सब कष्ट निवारेहाथ वज्र और ध्वजा लिए प्रभु काज संवारें,जहाँ विराजें राम, वहाँ पर आप विराजें। विद्यावान सुजान…
संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयंती (१४ अप्रैल) विशेष... रोज-रोज ही दिखा रहे हैं संविधान की प्रतियाँ सब आज,खुशी हमें है याद कर रहे पक्ष- विपक्ष बाबा…
डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* कभी कालिमा,कभी उजियाराकभी लालिमा,कभी हरियाली। ये कैसी पहेली…!प्रकृति की अद्भुतआँख-मिचौनी,पल में सुंदर, पल में मैली। कभी नई नवेली,भीड़ में अकेलीबन जाए वो सहेली,थामकर उसकी हथेली। कभी…