हिंदी को रखें प्रथम

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** भक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक 'हिंदी' (हिंदी दिवस विशेष)... हिंदी है हिंद की भाषा,इसे पहचानोविज्ञानी तंत्र लिए,निकलती शरीर के उच्चारण सेअंग्रेजी मिश्रित ना बनाएँ,रखें इसमें भाषा…

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ऊँच-नीच का भेद नहीं

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* भक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक 'हिंदी' (हिंदी दिवस विशेष)... यही एक ऐसी भाषा है,जिसे सीखना कबशुरू किया,याद नहीं। बचपन में घर से बाहर,निकलते ही एक…

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हिंदी है अभिमान

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** भक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक 'हिंदी' (हिंदी दिवस विशेष)... हमारी संस्कृति मातृभाषा हिन्दी है,हिन्दी की बिंदी हमारी शान हैहमारा देश महान है,हिन्दी भाषा नाम…

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मेरी हिंदी मेरा अभिमान

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** भक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक 'हिंदी' (हिंदी दिवस विशेष)... उदित कर सके जन-मन में,विश्व-हित सार्थक विचारमेरी हिंदी को चाहिए बस,इसके लिए निर्मल विचार। यह विश्व आज…

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हिन्दी हिन्द शान

सौ. निशा बुधे झा ‘निशामन’जयपुर (राजस्थान)*********************************************** भक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक 'हिंदी' (हिंदी दिवस विशेष).... सबसे पहले बोल शब्द 'माँ','माँ 'मातृभूमि, मातृभाषा है महान। माँ की ममता और दुलार,लाता…

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हिन्दी हमारी संस्कृति

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** भक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक 'हिंदी' (हिंदी दिवस विशेष)... दूसरों का अवश्य हम गुणगान करेंगे,पर सर्वप्रथम खुद का हम जयगान करेंगे। दूसरी भाषा का भी…

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स और हित को जोड़िए

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** स और हित को जोड़िये,बनता है साहित्यस्वान्तःसुखाय लिखा जो,वही हुआ साहित्य। मन की ही अनुभूति है,रचना का आकारलिखते हैं यह सोच कर,मिले सभी का प्यार। दर्पण है…

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पहाड़ों की वादियाँ

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* इन पहाड़ों की वादियों में खो जाने का जी करता है,वादियों की शीतलता में रम जाने को जी करता है। वादियों की हरितिमा मन को द्रवित…

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भक्ति मार्गी चिंतन

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासीसहारनपुर (उप्र)************************************************* सुख, अनुकूलता मजबूत हों संसार -बन्ध,दुःख, प्रतिकूलता मजबूत हों प्रभु- संबन्ध। जो मांगे प्रभु से भक्ति वो इतना सोच समझ ले,सुख-साधन मांग से टूटेगा…

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गहराइयों में…

हरिहर सिंह चौहानइन्दौर (मध्यप्रदेश )************************************ गहराइयों में तलाश रहा हूँ मैं,तुम कभी तो मिलोगीआज में अजनबी जरुर हूँ,कल हमारी मुलाकात जरूर होगी। पहली बार तुझको जबसे देखा है,तेरा ही चेहरा…

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