झूले पड़ गए बागों में

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** सावन का मतवाला मौसम, 'झूले पड़ गए बागों में',डाल हाथ में हाथ पिया, चल झूमें मस्त बहारों में। डाल-डाल पर बैठे पंछी मधुर रागिनी गाते हैं,सावन की…

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वीर सपूत

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* हे भारत माता के वीर सपूतों तुम्हें सादर प्रणाम,हे भारत के रखवालों, वीर सपूतों तुम्हें प्रणाम। जब याद आती है, हे वीर सपूतों आपकी हमें,कितना कष्ट…

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कहीं ऐसा ना हो!

अमल श्रीवास्तव बिलासपुर(छत्तीसगढ़) *********************************** हरा, भरा यह खिलता उपवन,पतझड़ ही ना बन जाएभारत के भीतर भारत की,अस्मत ही न छली जाए। सच को सच, झूठे को झूठा,कहने मे संकोच जहांभारत वासी,…

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ख्वाहिश

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* जानलेवा गर्मी के बाद,राहत भरी बारिश हुई हैआज बहुत दिनों के बाद,बाँहों में लेने की ख्वाहिश हुई है। प्यासे थे पेड़-पौधे जीव-जंतु,प्यास बुझाने की…

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जीवन एक संगीत

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** सुर-ताल गीत-संगीत,झंकृत हो अविरल प्रीतपक्षी-पौधे, जीव-जंतु,सब सुनते गीत-संगीत। कोयल की मधुर कुहू सा गीत,तोते के भी शब्द निकलतेजैसे मधुर मीठे हों नीत,वन-जंगल में मयूर नृत्य…

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बरसात का मौसम

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* धरा की प्यास बुझाने आया,जीवन को प्राण है देने आयासूखे पेड़-पौधे जो कुम्हलाए,बरसात का मौसम है आया। पशु-पक्षी के लिए जल लाया,ताल-तलैया भरने को आयारिमझिम-रिमझिम…

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चाँद लुभाता रहा रात भर

रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** हँस कर चाँद मुझको लुभाता रहा रात भर,अक्स उसमें पिया का आता रहा रात भर। उनको भी मेरा ख्याल आया तो होगा,तभी नींद भी आँखें चुराती रही…

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कुछ लोग होते हैं ऐसे…

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ हमारी स्मृतियों में,कुछ लोग होते हैं ऐसेजो बिना किसी संवादके भी दर्ज हो जाते हैं…। कुछ लोग कभी नहीं जाते पूरे,धीरे से किश्तों में जाते हैं…फिर…

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लौट आते वे बचपन के दिन

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** काश! लौट आते वे बचपन के दिन आज,जिसमें, दादी चूमती भालों को।माता, लोरी गा कर सहज सुलाती,बहना, चटकारी देती गालों को।वह बाबुल की बाँहों का झूला…

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नींद क्या चीज

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मनुष्य जान नहीं पाया नींद क्या चीज है,श्री गुरु कहते हैं नींद आलस का बीज है। नयन पट बंद होते ही अन्धकार लगता है,कभी तो नींद…

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