सरताज कमल

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* फूलों का सरताज कमल यह,सरसिज सुन्दर चंद्रहार हैपंकिल पंकज मुख सरोज सम,पद्मासन राजीव नयन हैं। पुण्डरीकाक्ष पुण्डरीक सरसि,प्रजापति जगत पद्मनाभ हैंकमलनयन प्रभु जगन्नाथ हरि,अरविन्द…

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स्वप्न देखना मजबूरी

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** नींद का जादू,स्वप्न को ऊर्जा देतादेता कल्पनाओं और पूर्वजों कीमन-मस्तिष्क में उड़ान। सुबह होते स्वप्न बन जाते किस्से,अपनों को सुनाने कोबेताब होती आवाज। किसी के मरने का…

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शिक्षा और शिक्षक

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* शिक्षक समाज का दर्पण.... देता है जो शिक्षा,वह शिक्षक कहलाता हैपहली शिक्षा मॉं देती है,यह बात सारा जग जानता है। दूसरी शिक्षा पिता से…

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बंद दरवाजे

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** खामोशियाँ बोल रही हैं,सारी चुप्पी तोड़ रही हैंरात की परछाइयों का,राज सभी खोल रही हैं। छा गई पाश्चात्य संस्कृति,इंसानियत अब रो रही हैअपनों के संग बेईमानी,सिर चढ़…

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भजन की भूख

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासीसहारनपुर (उप्र)************************************************* भजन की भूख प्रभु मिलन की लाग लगे,बिरला जनम उनका बिरला ही भाग जगे। धन-पद नहीं है शाश्वत ना उनके मालिक अमर,नाम-कमाई प्रभु साथ…

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पुलकित मन गोरी

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** पुलकित मन गोरी,घर आए साजनबजती है लाल-पीली,चूड़ियाँ खन-खन। पैरों में छमक रही,पायल छम-छमदमक रही माथे की,बिंदिया दम-दम। खुल-खुल-खुल पड़ते हैं,सुमन-सुधा भरहरसिंगार झरते हैं,झर-झर-झर-झर। सकुच सलज सजनी,मन भाये…

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सतयुग का आह्वान करें

कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’मुंगेर (बिहार)********************************************** युग है यह निर्माण का,नूतन अनुसंधान काहम भी कुछ योगदान करें,अपना चरित्र निर्माण करें। प्रकृति ने है हमें रचाया,निर्मल काया दे सजायाइसका हम अभिमान करें,माँ प्रकृति…

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बप्पा पधारो हमारे द्वार

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* प्रथम पूज्य गणपति बप्पा,पधारो एक बार, फिर हमारे द्वार। माता-पिता की परिक्रमा करके,ब्रम्हांड का चक्कर लगायागणाध्यक्ष ने सर्वोच्च विवेक दिखाया। बाधा विघ्न विनाशक देव,दूर करो जीवन…

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मंज़िल तक पहुँचाते हैं

मीरा सिंह ‘मीरा’बक्सर (बिहार)******************************* शिक्षक समाज का दर्पण है,गीत खुशी के गाते हैंहोते हैं ये कल के सृजक,अक्षर दीप जलाते हैं। कैसी भी मुश्किल आ जाए,तनिक नहीं घबराते हैंगर अंधेरा…

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शिव के भरोसे

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* शिव के भरोसे तनिक होके तो देख।करते स्वयं वो कैसे तेरी देख‌- रेख॥ दस दिश चहुं ओर कृपा को शिव जी बरसाएंगे,सब-कुछ बिसरा के…

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