इन्द्रधनुषी जिंदगी

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मानती हूँ जिन्दगी है एक पहेली,कष्ट अकेले सहना, संग ना सहेलीइसमें चाहे लंबी या छोटी हो डगरहॅंसकर चाहे रो कर, करना है सफर। नयनों की रोशनी…

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काना-फूसी कर रही लताएँ

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** उमड़-घुमड़ कर गर्जन करती,आई, काली घटा घनघोरछम-छमा-छम कर धरा पर,बूँदें बरस पड़ी चहुँ ओर। सौंधी-सौंधी खुशबू आए,सर्र-सर्र, सर्र-सर्र चले पवनमनभावन सावन को पाकर,बहका-बहका हो गया मन। दृश्य…

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नवरसमयी प्रकृति

सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’इंदौर (मध्यप्रदेश )******************************************** निहारती हूँ मैं तुम्हें प्रकृति,प्रभु की तुम अनमोल कृतिनवीनता के नवभाव समेटती,तुम्हें देख मैं आत्ममुग्ध होती।निहारती हूँ… प्रकृति है नवरसों की भाती,नवरंग, नवछटा नित…

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झूम के आया मानसून

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** यह एक शुरुआत है,खुशी व सुकून वाली बात हैमानसून की आहट ही के मिलने से,हर्षित मन में दिन-रात है। गर्मी की अब तपिश गई,सुन्दर सन्देश को जगह मिलीमानसून की…

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मैं मूक हूँ…

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** जुल्म के दीदार से मूक हूँ,जुल्म की दीवार से भी मूक हूँअपने अख्तियार पर भी मूक हूँ,जन्नते जहान से भी मूक हूँ। आदमी हूँ मानवता…

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हनुमान प्रताप…

कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** जिसके चरित्र संग, खेलते हो खेल तुम,सह पाओगे ना उस, देवता के ताप को।जिसकी कृपा से रोजी, रोटी को कमा रहे हो,रोक ना सकोगे उनके ही…

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औरत और जबान

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)***************************************************** पत्नी का पारा,सातवें आसमान पर थासारे घर में मचा तूफान था,पत्नी घूरकरपति से बोली,-आखिर एक औरतकिस-किसको सम्भाले ?आपको सम्भालेकि बच्चे सम्भाले!आपके माता-पिता याघर सम्भाले।औरत क्या,मशीन…

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ये बारिश की बूंदें बड़ी दूर से आई

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* क्यों रुठी थी तुम इस जग से,बरखा रानी अब तो बताओआने में क्यों देर लगा दी,धरती जल कर खाक़ हो रही। देर से ही सही फुहारें…

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हमारे पिता जी

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* पिता हमारे सिखा गए हैं, न ज़िन्दगी में दुखों से डरना,सुखों की खातिर दुखों से लड़ना, न ज़िन्दगी को उदास रखना। मशक्कतों से गुजर सजाना,…

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इस पावस में…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** मेघ छाये प्रेम के विश्वास गहराते रहें,बूंद बरसे प्यार वाली प्रेम फहराते रहें। क्यारियाँ दिलफूल पर एहसास की हो तितलियाँ,बोलियों शीतल फुहारें सींच मुस्काते रहें। नैन में…

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