एक और सावन…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** जाने क्यों, सभी डरा रहे हैं मुझे,जिया में धुक-धुकी-सी मची हैबत्ती भी गुल है,बोतल से मिट्टी तेल का बनाया भम्भा,भक-भक कर जल रहा है। सांय-सांय करती पवन,हड़बड़ासी…