पत्थर को गढ़ देते आकार

मंजरी वी. महाजनहमीरपुर (हिमाचल प्रदेश)*************************************** शिक्षक समाज का दर्पण... हर छात्र के दिल में अपनी छाप छोड़ जाते,कठिनाइयों के समय संजीवनी बन जाते। संस्कार, संस्कृति, नीति, ज्ञान से परिपूर्ण,आदर्श की…

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आर-पार

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** अब किस-किसका आभार लिखूँ,मैं फूल लिखूँ या खार लिखूँ। करूँ किसे जुदा गम या खुशी,दोनों पर ही अधिकार लिखूँ। सूख चुका आँसू भीतर का,मैं क्यों न उसे…

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मधुर स्वप्न

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** बीता प्रभात मध्याह्न भी बीता,संध्या की बेला आयीभगवन मेरे राह देखती,पूजा की थाली लायी। राहगीर एक-एक कर आते,फूल वो सारे ले जातेमैं लज्जा से शीश झुकाये,व्यंग्य से…

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गुरु तो शक्तिशाली

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’जोधपुर (राजस्थान)************************************** शिक्षक समाज का दर्पण... गुरु बिन ज्ञान कहाँ,शिष्य बिन मान कहाँ ?गुरु की महिमा निराली है,गुरु तो शक्तिशाली है। गुरु ही मार्गदर्शक है,गुरु सवालों की…

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राह दिखाते हैं गुरु

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* शिक्षक समाज का दर्पण... राह दिखाते हैं गुरु ज्ञान का प्रकाश जलाते हैं,सपने साकार कराते हैं, गुरु जीवन की सीख बताते हैं। गुरु ज्ञान का दीप…

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सुख या भक्ति

प्रीति तिवारी कश्मीरा ‘वंदना शिवदासी’सहारनपुर (उप्र)************************************************* प्रभु नाम के बदले सुख ले लो या, प्रभु नाम के बदले प्रभु ले लो। रात-दिवस प्रभु नाम लिया फिर, यश, धन,वैभव मांग लियाये…

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शिक्षक आदर्श हमारे

संजय सिंह ‘चन्दन’धनबाद (झारखंड )******************************** शिक्षक समाज का दर्पण... शिक्षक हैं आदर्श हमारे,सभी शिष्य को खूब दुलारेंगड़बड़ पर वो चाँटे मारें,कड़ा निहारें, नाम पुकारें। क ख ग घ वर्ण-शब्द के…

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गुरु ज्ञान दीप

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* शिक्षक दिवस विशेष... गुरु बिन ज्ञान न हो जीवन में, अरुणाभ दिवाकर गुरु समझोघनघोर निशा अज्ञान तिमिर, चन्द्रप्रभा सम जीवन समझो। मेरा शिक्षक ज्ञान…

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नारियल तेरी खूबी अनेक

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* नारियल तेरीखूबी अनेक,ऊपर से रेशेदारअंदर से मीठा आहार। बाहर से कठोर,अंदर मक्खन मुलायमकच्चे नारियल का पानी,पेय में नहीं कोई उसका सानी। गर्मी में तृषा मिटाए,बीमारी में…

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आज का दौर

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* आज के दौर में लोग,खुद में ही सिमटते जा रहे हैंसराहना की कमी और,दूसरों को छोटा दिखाने काचलन-सा बढ़ाते जा रहे हैं। धर्म, जाति और नस्लभेद…

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