मानव सेवा धर्म हमारा

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* सबमें ही इक तत्व समाया,ना कोई है उससे न्यारा।यही सभ्यता संस्कृति अपनीमानव सेवा धर्म हमारा॥ चन्द पलों का जीवन है ये,सुख-दु:ख का है आना-जाना।परिवर्तन की भाग-दौड़ में,बुनते जाते ताना-बाना॥सदा-सदा ही रहे न कोई,नाशवान है ये जग सारा।यही सभ्यता संस्कृति अपनी,मानव सेवा धर्म हमारा…॥ ये मेरा ये तेरा जग में,करते-करते जीवन बीता।पाया … Read more

दहेज

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** पिता सजा कर मोती-सोना,आँचल भर उपहार दिया।बैठाया बेदी सप्तपदी,बांधा मंगल हार पिया॥ त्याग मात पिता का गृह,राम समझ कर बनी सिया…।पति निकला रावण जैसा,और लँका ससुराल हुआ…॥निर्धन बाबुल शिक्षा से,मालामाल किया बिटिया…।यह धन क्यों रास न आया,जान लिया ससुराल जिया॥ शुरू दहेज खेला हुआ,रखे चाह पैसा रुपिया…।सोच विचार स्वयं मति से,समझ-बूझ का … Read more

अपनी निशानी छोड़ जा

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* आया है जग में तू प्यारे, अपनी निशानी छोड़ जा।दुष्कर्मों से अपना नाता, ऐ प्राणी तू तोड़ जा॥ मिट्टी की है काया मानव, मिट्टी में मिल जाना है।जैसा कर्म करेगा प्यारे, वैसा ही फल पाना है॥इस धरती से राम नाम की, पावन चादर ओढ़ जा,आया है जग में तू प्यारे, अपनी … Read more

भूल-भुलैया

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* है रिश्तों की भूल-भूलैया, साँसों का ताना-बाना।सुख फूलों-सा दु:ख काँटों-सा, क्या रोना, क्या इतराना॥ ऊपर वाला भांति-भांति का, सबका लेख बनाता है।जिसने जितनी हवा भरी है, वह उतना चल पाता है॥किसका कितना कहां ठिकाना, ये भी है किसने जाना,है रिश्तों की भूल-भूलैया, साँसों का ताना-बाना…॥ सत् सेवा संघर्षशील का, दामन मैला … Read more

भरिए सदा ज्ञान चित्रगुप्त भगवान

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* करती वंदन देख सदा मैं, हे चित्रगुप्त भगवान।भरिए जीवन में आप सदा, देख सदा अब ज्ञान॥ ब्रह्मा तन से जन्म लिए हो, कर में कलम-दवात।पाप-पुण्य का लेखा-जोखा, सदा आपको ज्ञात॥तमस मिटाएँ आप सदा अब, दे दें अब वरदान।करती वंदन देख सदा मैं हे चित्रगुप्त भगवान॥ ब्रह्मा लोक में जन्म लिए हो, … Read more

मन भज ले तू राम रमैया

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* राम नाम का जाप करो सब, एकमात्र हैं वही खिवैया।वे सबके हैं पालनहारे, भज ले मन तू राम रमैया॥ जिसने प्रभु की महिमा गाई, जीवन में खुशियाँ ले आया।उससे दूर रहे दु:ख-बादल, निशिदिन वह जग में हर्षाया॥सारी चिंता छोड़ मनुज जब, साथ राम हैं कष्ट हरैया…राम नाम का जाप करो सब, … Read more

मनाएं ऐसी दीवाली…

अंजना सिन्हा ‘सखी’रायगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************* राम-राज… आओ मिलकर आज मनाएं, अपनी ऐसी दिवाली।तेल नदारत दिया गायब, चाहे हो अब फटहाली॥ सवा अरब की आबादी पर, लावारिस दादा-दादी।जरा सोच तू मानव प्यारे, कैसे हो सुंदर वादी॥अंतर मन का तमस मिटाना, कहीं न हो रातें काली,आओ मिलकर आज मनाएं, अपनी ऐसी दिवाली…॥ हो मत कोई भूखा जग में, … Read more

हे ! कृष्ण-कन्हैया

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* द्वापर के है! कृष्ण-कन्हैया, कलियुग में आ जाओ।पाप बढ़ रहा, धर्म मिट रहा, अपना चक्र चलाओ॥ अर्जुन आज हुआ एकाकी, नहीं सखा है कोई।राधा तो अब भटक रही है, प्रीति आज है खोई॥गायों की रक्षा करने को, नेह- सुधा बरसाओ,पाप बढ़ रहा, धर्म मिट रहा, अपना चक्र चलाओ…॥ इतराते अनगिन दुर्योधन, … Read more

मानवता जीवन की शोभा

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* मुस्कानों को जब बाँटोगे, तब जीने का मान है।मानवता जीवन की शोभा, मिलता नित यशगान है॥ दीन-दुखी के अश्रु पौंछकर,जो देता है सम्बल।पेट है भूखा, तो दे रोटी,दे सर्दी में कम्बल।अंतर्मन में है करुणा तो, मानव गुण की खान है।मानवता जीवन की शोभा, मिलता नित यशगान है…॥ धन-दौलत मत करो इकट्ठा,कुछ … Read more

आराध्य राम

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आराध्य राम की पूजा में, मैं सारी उम्र बिताऊँगा।जयराम कहूंगा अधरों से, मैं भवसागर तर जाऊँगा॥ धर्म-नीति के जो रक्षक,हैं नित्य सदा ही हितकारी।उनकी गरिमा-महिमा पर मैं,हूँ बार-बार बलिहारी।आराध्य राम की गाथा को, मैं संग समर्पण गाऊँगा,जयराम कहूंगा अधरों से, मैं भवसागर तर जाऊँगा…॥ अंतर मेरा पावन होगा,जब राम नित्य मैं … Read more