पुण्य पथ पर चलें

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* कर्म ऐसा आप करते नित चलें।पुण्य पथ का भाव अंतर नित ढलें॥ बोलिए शुभ बोल भाषा नेक हो,हम मनुज के भाव निर्मल एक हो।द्वेष छल को त्यागकर समता पले-कर्म ऐसा आप करते नित चलें…॥ सत्य पथ की राह पर चल सर्वदा,काम आता सत्य का पथ ही सदा।बैर टूटे दूर होवे फासले-कर्म … Read more

गहरे घाव

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* रोदन करती आज दिशाएं,मौसम पर पहरे हैं।अपनों ने जो सौंपे हैं वो,घाव बहुत गहरे हैं॥ बढ़ता जाता दर्द नित्य ही,संतापों का मेलाकहने को है भीड़,हक़ीक़त,में हर एक अकेला।रौनक तो अब शेष रही ना,बादल भी ठहरे हैं,अपनों ने जो सौंपे वो,घाव बहुत गहरे हैं…॥ मायूसी है,बढ़ी हताशा,शुष्क हुआ हर मुखड़ाजिसका भी … Read more

हिंदी से प्रीत निभानी है़

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* प्राचीन सभ्यता की रथ है हिंदी से प्रीत निभानी है।पुरखों का दिखलाया पथ है भारत की एक निशानी है॥ ये सुगम ज्ञान की सरिता है वेदों की वाणी से निकली,आचार विभूषित कविता है ऋषियों की धाणी से निकली।है देवनागरी लिपि इसकी शब्दों में भरी जवानी है,पुरखों का दिखलाया पथ है भारत … Read more

हिंदी-वन्दना

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** हिंदी दिवस विशेष…. नए बोल सिखाती है,मुझे ज्ञान कराती है।ऐ माँ भाषा तू ही मुझको,सम्मान दिलाती है।नए बोल सिखाती है़…॥ भारत का है गौरव तू,चमकी बन भानु प्रभा।जन-जन में है सौरव तू,महकी हर दिशा दिशा।भारत-सुत में तू ही,नया स्वाभिमान जगाती है।नए बोल सिखाती है,मुझे ज्ञान कराती है।ऐ माँ भाषा … Read more

मैं हूँ भारत का संविधान

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)******************************************* मैं हूँ भारत का संविधान,दुनिया में जाना-पहचाना।अपने जख्मों पर रोता हूँ,मेरे दु:ख का यह पैमाना॥ कोई दल आया हिला गया,कोई दल आया झुला गया,आतंकी कुत्तों का टोला,अंतस तक शोणित पिला गया।सारे दल मेरे शोषक हैं,सब मुझ पर दांव लगाए हैं,खेतों में कृषक का क्रंदन,मैं देख देख तिलमिला गया।अधिकारों के सब सौदागर,कर्तव्यों … Read more

हे! मेरे परमेश्वर

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ***************************************** शिक्षक:मेरी ज़िंदगी के रंग’ स्पर्धा विशेष….. वंदन है,नित अभिनंदन है,हे शिक्षक जी तेरा।फूल बिछाये पथ में मेरे,सौंपा नया सबेरा॥ भटक रहा था भ्रम के पथ पर,राह दिखाई मुझकोगहन तिमिर को परे हटाया।नमन् करूं मैं तुझको,आशाओं के सावन में है अरमानों का डेरा।शीश झुकाऊं हे परमेश्वर,भाग्य मिरा यूँ फेरा॥ मायूसी से … Read more

यह उम्र बीत रही

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** यह उम्र बीत रही है,जैसे-तैसे करते-करते।और क्या माँगूं मोहन,थक गया कहते-कहते॥ तुम ही हो एक सहारा,दिखलाओगे किनारा।अब तेरा ही है आसरा,लुट गया सहते-सहते॥थक गया कहते-कहते… इस जग ने यूँ पकड़ा,मोह-माया ने जकड़ा।मैं भवसागर से बच के,आ गया हूँ बहते-बहते॥थक गया कहते-कहते… देखा यह सारा तमाशा,अब तुझसे ही है आशा।अब मन नहीं … Read more

गजानन आराधना

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** गणेश चतुर्थी विशेष…. गजानन आओ नी इक बार…।गजानन आओ नी इक बार…।निसदिन तेरी बाट मैं जोहूं,बैठूं पलक बुहार…।गजानन आओ नी इक बार…॥ धूप-दीप और फल-फूलों से ,तुझको भोग लगाऊँ।लगा तेरे अगर और चंदन,मैं श्रृंगार सजाऊँ।तुमसे करूं एक ही बिनती,दर्शन अब दे जाओ।गजानन आओ नी इक बार…।गजानन आओ नी इक … Read more

गणपति आन विराजो मन में

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* गणेश चतुर्थी विशेष….. सत्य राह की चलूँ डगर मैं,बोलूँ नित शुभ बोल।गणपति आन विराजो मन में,भाव भरो अनमोल॥ दीन दुखी की सेवा करना,नेक बने यह ध्येय।कर्म करूँ मैं नितदिन सुंदर,बनूँ श्रेष्ठ उपमेय।कटुता मन में नहीं समाये,बात करूँ नित तोल।गणपति आन विराजो मन में,भाव भरो अनमोल॥ मौन त्याग कर न्याय दिलाऊँ,अनाचार जब … Read more

दिल के स्पंदन में तुम…

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ********************************************* दिल के स्पंदन में बसता है,प्रियवर का बस नाम।रात-दिवस हो,कोई बेला,प्रियवर तुम अभिराम॥ स्पंदन के हर स्वर गाते,नित तेरा ही गीत,तू है जब तक साथ मेरे तो,पाऊँगा मैैं जीत।मेरा यह जीवन लगता है,तेरा ही उपहार,जीवन को हरसाकर मेरे,कर दे तू उपकार।जबसे तुझको पाया तबसे,जीवन ललित ललाम,रात-दिवस हो,कोई बेला,प्रियवर तू अभिराम…॥ … Read more